राजू ने बताया कि उसने अपनी पत्नी कुंता के नाम कई माह पहले PM आवास का फॉर्म भरा था. जांच के बाद सभी कागजात ब्लॉक में जमा किया, जिसके बाद PM आवास की स्वीकृति मिली थी.
अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां ग्राम प्रधान, सचिव ने मिलकर ऐसा खेल कर दिया कि मामला सामने आने के बाद जिसने भी सुना दंग रह गया. दरअसल, सचिव ने ब्लॉक के अधिकारियों से सांठ गांठ करके PM आवास के लाभार्थी की क़िस्त किसी और के खाते में डालकर सारा पैसा निकाल लिया, जब लाभार्थी को इसकी जानकारी हुई तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई और उसने मामले की शिकायत डीएम से की. इस पर बांदा डीएम ने डिप्टी कलेक्टर को मामले की जांच के आदेश दिए हैं. डीएम का कहना कि जांच रिपोर्ट आने के बाद लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी.
पत्नी के नाम पर मिला था पीएम आवास
दरअसल, महुआ ब्लॉक के जरर गांव के स्वामी दीन के पुरवा के रहने वाले राजू ने बताया कि उसने अपनी पत्नी कुंता के नाम कई माह पहले PM आवास का फॉर्म भरा था. जांच के बाद सभी कागजात ब्लॉक में जमा किया, जिसके बाद PM आवास की स्वीकृति मिली थी.
नहीं मिली पीएम आवास की किस्त
काफी दिन बीत जाने के बाद पैसा न आने से उसने ब्लॉक से लगाकर तहसील तक चक्कर काटे, लेकिन रामराज्य के चक्कर मे समस्या का निदान छोड़िए उसकी कोई सुनने वाला नहीं था. जब उसने जनसेवा केंद्र में पता कराया तो उसके नाम के PM आवास की तीनों क़िस्त एक लाख 30 हजार रुपये निकाले जा चुके थे. जानकारी मिलते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.
अधिकारियों ने निकाल लिया पैसा- पीड़ित
राजू ने बताया कि जब उसने सचिव, ब्लॉक और तहसील में अफसरों से शिकायत की, तो उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की, थक हराकर डीएम के पास पहुंचा और मामले की शिकायत की.
राजू ने आरोप लगाया कि महुआ बीडीओ राजेश तिवारी ने उसे डांटकर भगा दिया और कहा कि मेरा पैसा सचिव ने ब्लॉक के अफसरों संग मिलकर जालसाजी करके निकाल लिया है. यह भी बताया कि सचिव ने जियो टैगिंग के माध्यम से दूसरी महिला के नाम के घर की फ़ोटो भी अपलोड कर दी है.
मामले की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी- डिप्टी कलेक्टर
मामले में बांदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने डिप्टी कलेक्टर और BDO को जांच के आदेश दिए हैं. डिप्टी कलेक्टर सत्यप्रकाश ने बताया कि PM आवास का पैसे किसी और के खाते में जाने की शिकायत डीएम को मिली है, उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जांच करके रिपोर्ट बनाकर डीएम को दी जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इस संबंध में बीडीओ से बात करनी चाही तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया है.