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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बड़ी कामयाबी मिलने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्लाह ने ऐलान कर दिया है कि उनके बेटे उमर अब्दुल्लाह मुख्यमंत्री होंगे.

चुनाव के आखिरी नतीजे आने से पहले ही फारूक अब्दुल्लाह ने कहा कि हम अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के साथ बैठकर बात करेंगे और सरकार बनाने चर्चा करेंगे. लोगों ने अपना जनादेश दे दिया है, उन्होंने साबित कर दिया है कि वे 5 अगस्त को लिए गए फैसले को स्वीकार नहीं करते.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “10 साल बाद, लोगों ने हमें अपना जनादेश दिया है. हम अल्लाह से प्रार्थना करते हैं कि हम उनकी उम्मीदों पर खरे उतरें. यहां ‘पुलिस राज’ नहीं बल्कि ‘लोगों का राज’ होगा. हम जेल में बंद निर्दोष लोगों को बाहर निकालने की कोशिश करेंगे. मीडिया को आज़ादी मिलेगी. हमें हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विश्वास पैदा करना होगा. मुझे उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन के सहयोगी यहां राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए हमारे साथ लड़ेंगे.”

10 साल बाद तीन चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त दी. धारा 370 हटने के बाद भाजपा ‘नए कश्मीर’ का दावा कर रही थी लेकिन जनता ने उसके इस दावे को नकार दिया है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू के अंदर बेहतरीन प्रदर्शन किया है लेकिन कश्मीर में पिछले चुनावों की तरह ही इस बार भी उसके हाथ में कुछ नहीं आया.

फारूक अब्दुल्ला ने हरियाणा में कांग्रेस के प्रदर्शन पर बात करते हुए कहा, “मुझे दुख है कि वे (कांग्रेस) जीत नहीं पाए (हरियाणा में)…मुझे लगता है कि यह उनके आंतरिक विवादों के कारण हुआ.”

बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से लगभग सत्ता पर कब्जा करने से चूक गई है. चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भी ज्यादातर दावे यही किए जा रहे थे कि कांग्रेस पार्टी इस बार हरियाणा में सरकार बनाएगी. एग्जिट पोल में भी कांग्रेस के हाथों में सत्ता सौंपी थी. यहां तक कि जब मंगलवार की सुबह नतीजे आने शुरू हुए तो शुरुआती दौर में कांग्रेस पार्टी ने बहुमत के आंकड़े से ज्यादा सीटों पर बढ़त बना रखी थी लेकिन जैसे-जैसे वोटों की गिनती अगले राउंड में पहुंची तो भाजपा आगे निकल गई.