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आपमें से कई लोग सुपर स्टार अक्षय कुमार की सुपर हिट फिल्म ‘पैड मैन’ देखी होगी. महिलाओं की मासिक धर्म की परेशानी को लेकर बनी यह फिल्म सामाजिक बदलाव के नजरिये से अहम साबित हुई. लेकिन, आपको पता नहीं होगा कि रियल लाइफ में एक ऐसी महिला हैं जिसे उसके आसपास के इलाके में लोग ‘पैड वुमन’ के नाम से जानते हैं.

यह कोई आम महिला नहीं, बल्कि इस लोकसभा चुनाव में एक प्रमुख राजनीतिक दल की उम्मीदवार हैं.

इस महिला का नाम है सोनामनी मुर्मू (टुडू). इन्हें माकपा ने पश्चिम बंगाल के झारग्राम क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है. इस वक्त इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. इस त्रिकोणीय मुकाबले में वह सीधे भाजपा और टीएमसी के उम्मीदवारों को टक्कर दे रही हैं. दरअलस, सोनामनी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. संयुक्त राष्ट्र की सामाजिक संस्था यूनिसेफ की ओर से वह आदिवासी लड़कियों के बीच सुरक्षित मासिक धर्म और पैड के इस्तेमाल को कई तरह के अभियान चलाती हैं. वह पूरे इलाके में काफी लोकप्रिय हैं. वह सुदूर गांवों में लड़कियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

मनोविज्ञान में एमए
सोनामनी ने मनोविज्ञान में बीए और एमए की पढ़ाई की है. वह कॉलेज के वक्त से ही कई सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं. वह पंचायत चुनाव में विजयी रही हैं. अब माकपा ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है. वह ग्रामीण इलाके में महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को लेकर काफी सक्रिय रही हैं. उन्होंने किशोर लड़कियों को सैनेटरी पैड के इस्तेमाल का तरीखा सिखाया.

सोनामनी का जन्म झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में हुआ. फिर उनकी शादी हो गई और वह पुरलिया जिले के बंदोआन में आ गईं. उन्होंने झारखंड से स्कूल की पढ़ाई की फिर घटशिला कॉलेज से बीए किया. झारखंड के जमशेदपुर से एमए की डिग्री ली. वह शुरू से सामाजिक सेवा में सक्रिय रहीं लेकिन अब वह राजनीति में आ गई हैं. अक्षय कुमार की फिल्म पैड मैन के रिलीज के पहले से ही वह इस मुद्दे पर समाज में काम रही हैं.

माकपा की पंचायत सदस्य
माकपा के टिकट पर अपने ससुराल में सोनामनी ने ग्राम पंचायत का चुनाव जीता. वह अभी पंचायत सदस्य हैं. वह पंचायत सदस्य से सीधे लोकसभा चुनाव के मैदान में उतर चुकी हैं. लोकसभा चुनाव के रण में उतरने को लेकर सोनामनी ने कहा कि वह संसद पहुंचकर आम लोगों के लिए काम करना चाहती हैं. वह भ्रष्टाचार और राज्य सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लड़ना चाहती हैं. वह क्षेत्र के युवाओं को रोजगार दिलाना चाहती हैं.

सोनामनी अपने ससुराल में सास-ससुर, पति और बेटे के साथ रहती हैं. वह एक गृहणी हैं. लेकिन, माकपा ने समाजसेवा के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए उन्हें लोकसभा के मैदान में उतारा है. माकपा की राज्य समिति के सदस्य तपन सिन्हा कहते हैं कि वह एक पढ़ी-लिखीं और मेहनती महिला हैं. वह वर्षों से आम लोगों के लिए काम कर रही हैं.