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विज्ञप्ति की कमियों को समझकर न्यायालय ने 50 वर्ष से ऊपर के प्रवक्ताओं को अनुमति प्रदान की है। इसी तरह से 8 से 10 रिट अभी भी प्रधानाचार्य भर्ती नियमावली एवं विज्ञापन में लगी है। साथ ही राजकीय शिक्षक संघ भी इस नियमावली का पूर्व से ही विरोध में रहा है।

प्रधानाचार्य विभागीय सीमित भर्ती में अब 50 वर्ष से ऊपर आयु वालों को भी आवेदन का मौका मिलेगा। राजकीय शिक्षक संघ का कहना है कि विज्ञापन की खामी इससे स्पष्ट हो रही है। राजकीय शिक्षक संघ देहरादून के मंत्री अर्जुन पंवार का कहना है कि उच्च न्यायालय ने 50 वर्ष से ऊपर के प्रवक्ताओं को आवेदन करने की अनुमति प्रदान की है। जो पिछले माह जारी विज्ञप्ति में 50 वर्ष तक थी। इससे यह साफ होता है कि विज्ञापन में खामी थी।

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राज्य सरकार की ओर से संगठन से विचार विमर्श किए बिना प्रधानाचार्य भर्ती नियमावली तैयार की गई है। विज्ञापन भी जारी कर दिया गया। विज्ञप्ति की कमियों को समझकर न्यायालय ने 50 वर्ष से ऊपर के प्रवक्ताओं को अनुमति प्रदान की है। इसी तरह से 8 से 10 रिट अभी भी प्रधानाचार्य भर्ती नियमावली एवं विज्ञापन में लगी है। साथ ही राजकीय शिक्षक संघ भी इस नियमावली का पूर्व से ही विरोध में रहा है।

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10 प्रतिशत शिक्षकों को ही आवेदन करने का मौका मिल पा रहा

अब जब बिना संघ को विश्वास में लिए विज्ञापन जारी हुआ तो संगठन की अब भी पुरजोर मांग है कि भर्ती निरस्त कर पूर्व की भांति 100 प्रतिशत पदोन्नतियां की जाएं। जिससे आम शिक्षक के साथ न्याय होगा। गौरतलब है कि वर्तमान में जारी प्रधानाचार्य सीधी भर्ती विज्ञप्ति से केवल 10 प्रतिशत शिक्षकों को ही आवेदन करने का मौका मिल पा रहा है।

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90 प्रतिशत शिक्षकों को इससे अपात्र घोषित किया गया है। इस प्रकार की अन्यायपूर्ण प्रक्रिया के विरुद्ध राजकीय शिक्षक संघ ने पूर्व में भी मांग की थी, लेकिन सरकार की मनमानी के चलते अब बहुत सारी रिट कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है। मंत्री अर्जुन पंवार का कहना है कि मंत्री के आश्वासन के बावजूद भर्ती विज्ञापन जारी होना आश्चर्यजनक है। जबकि आम शिक्षक एवं संगठन केवल 100 पदोन्नति की मांग कर रहा है।