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लालकुआं : पेड़ न सिर्फ धरती का शृंगार हैं, बल्कि मनुष्य के जीवन की डोर हैं। मनुष्य हो या जीव-जंतु सभी के लिए वृक्ष ही आक्सीजन देते हैं। कोरोनाकाल में लोगों को आक्सीजन व पेड़ों के महत्व का बता लगा है।

पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने का लालकुआं के बिंदुखत्ता निवासी वरिष्ठ समाजसेवी वह भाजपा नेता भूपेंद्र पाठक ने बेड़ा उठाया। अपनी क्षमता वह लगन से कोरोना काल के बाद से हजारों पौधों की नर्सरी जिसे त्रिशक्ति नर्सरी का नाम दिया गया, तैयार करते हैं और उन्हें बरसात के दिनों में रोपित करते हैं।

बिंदुखत्ता वह लालकुआं में प्रति वर्ष भूपेंद्र पाठक की ओर से हजारों पौधे लगाए व वितरित किए जाते हैं। यह कार्य हर साल मानसून की दस्तक के साथ ही एक जुलाई से शुरू हो जाता है।

प्रकृति के प्रति बढ़ते लगाव के कारण अब छोटे शहरों और कस्बाई इलाकों में भी पेड़-पौधे लगाने का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. यही कारण है कि खेतों के अलावा भी लोग घर की छतों से लेकर टैरेस तक पर गमलों में भी पेड़-पौधे लगा रहे हैं. इस कारण से अब बिंदुखत्ता  के भूपेंद्र पाठक का भी प्लांट नर्सरी का बिजनेस खूब फल-फूल रहा है.

नैनीताल जिले के बिंदुखत्ता ग्राम के रहने वाले भूपेंद्र 3 वर्षों से नर्सरी का व्यवसाय करते हैं. कभी छोटे स्तर से बिजनेस शुरू किया था, आज करीब एक बीघा में इनकी नर्सरी है. इनके यहां से तैयार पौधे उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में भी सप्लाई किए जाते हैं.

क्या कहते हैं नर्सरी संचालक?

नर्सरी संचालक भूपेंद्र पाठक बताते हैं कि वे बचपन से ही पेड़-पौधों से लगाव रखते आ रहे हैं. एक बार पौधा खरीदने के लिए मार्केट गए, तो उसी दिन मन किया कि क्यों ना नर्सरी का बिजनेस शुरू कर पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दूं. इसके साथ ही कमाई भी हो जाएगी. इसके बाद वर्ष 2022 में उन्होंने नर्सरी खोल लिया.

इस समय वे आम, लीची, सेब, अमरूद सहित 15 से अधिक तरह के फलों के पौधे बेचते हैं. प्रतिदिन 02 से 05 हजार रुपए के पौधों की बिक्री हो जाती है. उन्होंने बताया कि अधिकांश पौधे की नर्सरी वे खुद तैयार करते हैं. इसके बाद उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में भेजते हैं. पौधे बेचकर प्रतिदिन 2000 से अधिक की कमाई हो जाती है।

मिल चुके हैं कई अवार्ड

पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने को लेकर उन्हें विभिन्न मंचों पर पुरस्कृत और सम्मानित भी किया जा चुका है. वे अभी तक 05 से अधिक सम्मान-पत्र प्राप्त कर चुके हैं. भूपेंद्र कहते हैं कि अब तो उन्हें पेड़-पौधों से ऐसा लगाव हो गया है कि दिन-रात उन्हीं की देखभाल में रहते हैं.

सभी लोगों को एक-एक पौधा लगाने का संकल्प लेने की जरूरत है। आज के समय में तेजी से जंगल कट रहे हैं। जिससे कारण प्रर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हो पा रही है। ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके। पौधे लगाने से गर्मी में छाया होती है फल फूल मिलते है, हर इंसान को कम से कम एक पौधा अपने जीवन में लगाने की अपील

भूपेंद्र पाठक

त्रिशक्ति नर्सरी, संजय नगर, बिंदुखत्ता, लालकुआं, नैनीताल, उत्तराखं

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