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जानकारी के अनुसार 2001 से 2003 में हल्द्वानी गौला नदी में खनन मामले में अशोक मिश्रा और उनके सहयोगी अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया था

उत्तराखंड पुलिस ने सेवानिवृत आईएफएस अधिकारी अशोक मिश्रा को लखनऊ से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। उन पर खनन मामले में घपला करने का आरोप है।

जानकारी के अनुसार 2001 से 2003 में हल्द्वानी गौला नदी में खनन मामले में अशोक मिश्रा और उनके सहयोगी अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया था। यहां ट्रकों से रेत, बजरी, पत्थर आदि की निकासी की गई और उन्हें घोड़ा बुग्गियों में दिखाया गया। ऐसे साक्ष्य मिलने पर उत्तराखंड वन निगम में तैनात प्रभागीय लॉगिंग अधिकारी अशोक मिश्रा थे। उनके साथ डीएलएम रंजीत राणा भी तैनात थे, 2004 में ये मामला प्रकाश में आया और सुर्खियां बना था, तब इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी। इसके बाद से मामला कोर्ट में चल था।

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पुलिस ने आरोपी अशोक मिश्रा को लखनऊ से गिरफ्तार करके नैनीताल स्तिथ भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में पेश किया। अन्य आरोपी रंजीत राणा को अल्मोड़ा से हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया है, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। वन विभाग में अपनी तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार के कारनामों से ये अधिकारी पूर्व में चर्चित रहे हैं और किसी न किसी तरह कानून के शिकंजे से भी बचते रहे, लेकिन करीब बीस साल बाद इन्हें आखिरकार जेल जाना ही पड़ा।