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कौसानी में एक लड़की सात फेरे लेने जा रही थी, लेकिन पुलिस ने लड़की के नाबालिग होने पर उसकी शादी रोक दी. दशहरा पर्व पर लड़की की शादी होने थी. जिसे लेकर दोनों तरफ से तैयारियां हो चुकी थी.

श में भले ही बाल विवाह की दर में कमी आई हो, लेकिन पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में अभी भी यह प्रथा जारी है. ताजा मामला बागेश्वर के कौसानी से सामने आया है. जहां दशहरा पर्व पर एक नाबालिग लड़की प्रेम विवाह करने जा रही थी. तभी पुलिस आ गई और शादी को रुकवा दिया. जिससे वर पक्ष की तैयारियां धरी की धरी रह गई. वहीं, पुलिस ने नाबालिग लड़की और उसके परिजनों की काउंसिलिंग की.

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जानकारी के मुताबिक, दुदिला गांव में रहने वाले 21 वर्षीय युवक और 17 वर्षीय एक लड़की के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. युवक और लड़की दोनों एक ही इंटर कॉलेज में पढ़ते थे. लड़का पास हो गया था. जबकि, लड़की 12वीं में फेल हो गई. जब उनका प्यार परवान चढ़ा तो दोनों ने शादी करने की ठानी. बताया जा रहा है कि दशहरा पर्व पर दोनों प्रेमी प्रेमिका सात फेरे लेने की तैयारी पर थे, लेकिन इसकी भनक पुलिस को मिल गई.

इतना ही नहीं नाबालिग लड़की शादी करने के लिए अपने घर से करीब 22 किमी दूर अपने प्रेमी के घर भी पहुंच गई. उधर, नाबालिग की शादी होने की सूचना मिलने पहले ही पुलिस अलर्ट मोड पर थी. लिहाजा, पुलिस भी रात से गांव में डटी हुई थी. सुबह सीडब्ल्यूसी के जगदीश जोशी, सदस्य संतोष टम्टा, हेमलता भट्ट भी वहां पहुंच गए. जबकि, थानाध्यक्ष मनवर सिंह की टीम पहले से वहां जमी थी.

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वहीं, पुलिस की टीम लड़की के हाईस्कूल और अन्य प्रमाणपत्रों की जांच की. जिसमें लड़की की उम्र 18 साल पूरे नहीं हुए थे. मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि यह अंतरजातीय विवाह भी था. जिसके चलते यह विवाह चर्चाओं में था. वहीं, पुलिस ने परिजनों को समझाया और शादी रुकवा दी. साथ ही बालिग होने तक शादी न करने का संकल्प पत्र भी भरवाया.

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