देहरादून: उत्तराखंड में जायका (जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी) फेज टू का काम जल्द शुरू होने जा रहा है. बड़ी बात यह है कि इस बार इस प्रोजेक्ट को वृक्षारोपण या भूक्षरण जैसे कामों तक सीमित न रखते हुए मौजूदा जरूरतों पर केंद्रित रखा जाएगा. इसके लिए पहले बैठक हो चुकी है और जल्द ही उत्तराखंड की तरफ से प्रस्ताव भेजे जाने की तैयारी है. खास बात यह है कि जायका फेज टू एक बड़े बजट के साथ लाने की तैयारी है. जिसमें मौजूदा चुनौतियों को जगह दी जाएगी.
जायका (जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी) प्रदेश में पिछले कई सालों से काम हो रही है. वृक्षों के संरक्षण और पर्यावरण के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर इस प्रोजेक्ट के तहत कई कामों को किया गया है. खास बात यह है कि जायका का पहला फेज पूरा हो चुका है और अब दूसरे फेज के लिए प्रस्ताव भी तैयार हो रहा है. इतना ही नहीं, जायका के सीईओ दिल्ली में इसको लेकर पहली बैठक भी कर चुके हैं. हालांकि पहले फेज के दौरान हुए कामों की अभी समीक्षा की जानी है साथ ही दूसरे फेज को लेकर सुझाव भी आने बाकी हैं
वृक्षारोपण पर रहा फोकस: जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी को लेकर उत्तराखंड में पहले फेज के दौरान करीब 800 करोड़ का बजट राज्य को मिला था. जिसे विभिन्न कार्यों पर खर्च किया गया है. मुख्य रूप से देखें तो जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी के उत्तराखंड में चल रहे प्रोजेक्ट के पहले हिस्से में वृक्षारोपण को खास तवज्जो दी गई थी. इसके अलावा मृदा चरण से लेकर जल संरक्षण पर भी कुछ हद तक काम करने के प्रयास किए गए हैं. इसके साथ ही ग्रामीण और पंचायत के लोगों की आजीविका को भी जोड़ने के लिए प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम पहले फेज में चलाए गए हैं.
हालांकि जायका के सीईओ पीके पात्रो अब जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी के इस प्रोजेक्ट में कुछ बदलाव करना चाहते हैं और इसीलिए इस बार जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें मौजूदा जरूरत से जुड़ी बातों को विशेष तौर पर ध्यान में रखा गया है.
इन बातों का रखा गया खास ध्यान: खास तौर पर मानव वन्य जीव संघर्ष को भी इस प्रोजेक्ट में प्रस्ताव बनाते समय शामिल किया जाएगा. इसी तरह जल संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट के तहत योजना तैयार की जाएगी. ताकि जल संरक्षण पर बेहतर काम हो सके. उत्तराखंड के लिए वनाग्नि एक बड़ी समस्या रही है और नए प्रस्ताव में इसे भी शामिल किया जाएगा. हालांकि जायका के फेज टू के लिए एक सामान्य खाका तैयार किया जा चुका है और इसे प्रस्ताव के रूप में भी बनाया जा रहा है. लेकिन तमाम सुझावों के बाद जल्द ही एक फूल प्रूफ प्रस्ताव तैयार करने की भी योजना है.
जायका के सीईओ पीके पात्रो ने बताया कि अभी फिलहाल दिल्ली में पहली बैठक हो चुकी है और जल्द ही अगली बैठक के साथ ही परियोजना में कुछ अहम निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा. परियोजना में प्रयास यही है कि नए प्रस्ताव में इस बार कुछ अलग योजनाओं को शामिल किया जाए. ताकि इन पर और भी बेहतर तरीके से कम हो सके. मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार इस बार प्रदेश को करीब 1200 करोड़ रुपए तक का बजट परियोजना के लिए मिलने की उम्मीद है.


