खबर शेयर करें -

ट्विटर पर अंकिता भंडारी और आशुतोष नेगी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर हैशटैग का दौर शुरू हो गया है. सीओ कोटद्वार विभव सैनी ने बताया कि कोतवाली पौड़ी में SC/ST एक्ट के तहत आशुतोष नेगी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है.

पौड़ी के ग्राम पयासूं के शिकायतकर्ता राजेश सिंह राजा कोली की लिखित तहरीर के आधार पर अंकिता भंडारी को न्याय देने की मांग को लेकर उनके माता-पिता के साथ शुरू से आवाज उठा रहे पत्रकार आशुतोष नेगी को अचानक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस पहले पत्रकार दीप मैठाणी को देहरादून से गिरफ्तार किया गया था. पत्रकार आशुतोष नेगी को न्यायालय के आदेशों के बाद 15 मार्च तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार पौड़ी भेज दिया गया है.

इसके बाद ट्विटर पर अंकिता भंडारी और आशुतोष नेगी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर हैशटैग का दौर शुरू हो गया है. सीओ कोटद्वार विभव सैनी ने बताया कि कोतवाली पौड़ी में SC/ST एक्ट के तहत आशुतोष नेगी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई अलग मामले में हुई है, लोग इसे किसी अन्य केस से न जोड़ें.

शिकायतकर्ता का क्या कहना है?

यह भी पढ़ें -  मदरसा बोर्ड भंग करने की सिफारिश, उत्तराखंड में बढ़ी हलचल, बाल आयोग अध्यक्ष ने दिया बड़ा बयान

राजेश सिंह राजा कोली ने ‘उत्तराखंड तक’ से बातचीत में बताया कि यह पूरा मामला अशासकीय विद्यालय से जुड़ा हुआ है. कुछ समय पहले अशासकीय विद्यालय के मैनेजर व अन्य लोगों ने मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया था जिसके बाद अग्रोडा बाजार में मेरे साथ मारपीट की गई और मुझे धमकाने का प्रयास किया गया. मैंने जिलाधिकारी पौड़ी और एसएसपी पौड़ी को मेल के माध्यम से शिकायत दर्ज करवाई. मेरे लंबे प्रयासों के बाद कोतवाली पौड़ी में मुकदमा पंजीकृत किया गया. इस मामले में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि अशासकीय विद्यालयों का मामला जुलाई 2022 का है. लेकिन अंकिता भंडारी हत्याकांड मामला सितंबर 2022 का है. दोनों मामलों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है.

पुलिस का क्या कहना है?

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया की आशुतोष नेगी को अंकिता भंडारी के मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है. हमने नेगी को SC/ST मामले में गिरफ्तार किया है. इसको अंकिता भंडारी मामले से जोड़ना बिल्कुल गलत है. स्वयंभू सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष नेगी के एजेंडा को हम समझ रहे हैं. अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए पुलिस कल भी कटिबद्ध थी आज भी कटिबद्ध है.

यह भी पढ़ें -  रामनगर में 141 परिवारों को घर खाली करने का नोटिस, दो दिन का दिया समय, महिलाओं ने पुलिस को दिखाया गुस्सा!

पौड़ी-श्रीनगर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन

अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर श्रीनगर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे उसके परिजनों ने आज धामी सरकार का पुतला दहन किया. पीपलचोरी के समीप एनएच 58 पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ विरोध प्रदर्शन किया. पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी के बाद आंदोलनकारियों में आक्रोश भी देखने को मिला. एनएच पर प्रदर्शन करते हुए पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखने को मिली. वहीं अंकिता भंडारी के परिजनों ने स्पष्ट किया है कि अगर आशुतोष नेगी को रिहा नहीं किया गया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा. सोनी देवी का कहना है कि उनका साथ देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सरकार दबाने का प्रयास कर रही है. आरोपी वीआईपी हैं, इसलिए उनके खिलाफ कोई जांच नहीं हो रही है.

आशुतोष की 80 वर्षीय दादी ने दी चेतावनी

पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी के खिलाफ श्रीनगर में श्रीकोट गांव की महिलाओं व अन्य महिलाओं ने श्रीनगर बाजार में रैली निकालकर जमकर आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. महिलाओं का कहना है कि सरकार की ओर से फर्जी मुकदमे में उन्हें फसाया गया है. वहीं आशुतोष नेगी की 80 वर्षीय दादी भवानी देवी भी श्रीनगर पहुंचीं. उन्होंने कहा कि यदि आशुतोष की रिहाई नहीं होती है तो सभी महिलाएं एकजुट होकर जेल में आग लगा देंगी. उन्होंने कहा कि मेरा पोता आशुतोष अंकिता भंडारी के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए सक्रियता के साथ उसके परिवार के साथ खड़ा है. सरकार लगातार परिजनों और अन्य माध्यमों से उस पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही थी. अब आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया, ताकि आंदोलन को समाप्त किया जा सके.

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड : बड़ा खुलासा लालकुआं नकली नोटों का सरगना,ऑनलाइन गेमिंग हर महीने आते थे करोड़ों रुपए जानिए

विरोध प्रदर्शन में जुड़े कांग्रेस के बड़े नेता

पौड़ी के श्रीनगर में अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए मशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग, युवा और महिलाएं एकजुट होकर सड़कों पर उतरे. कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार की मंशा नहीं है कि अंकिता के परिजनों को न्याय मिले. उन्होंने क्षेत्र के विधायक धन सिंह रावत पर तंज कसते हुए कहा कि वह लगातार अपने क्षेत्र भ्रमण पर हैं, लेकिन उन्होंने एक बार भी अंकिता के परिजनों से मुलाकात करने की हिम्मत नहीं जुटाई.

You missed