खबर शेयर करें -

उत्तराखंड में सी.एम. पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने शराब नीति को लेकर बड़ा फैसला किया है। सरकार की नई आबकारी नीति के तहत अब धार्मिक क्षेत्रों के निकट स्थित शराब की दुकानों का लाइसैंस रद्द किया जाएगा।

सरकार के अनुसार यह नीति धार्मिक क्षेत्रों के महत्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए तैयार की गई थी।

एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक क्षेत्र की परिभाषा और उस क्षेत्र से शराब की बिक्री की अनुमति देने की दूरी जल्द ही जारी होने वाले सरकारी आदेश में स्पष्ट कर दी जाएगी।

यह भी पढ़ें -  🚨 हल्द्वानी पुलिस की बड़ी कार्रवाई 🔥 | ₹48 लाख की स्मैक के साथ दो तस्कर गिरफ्तार | बरेली से लाए थे नशा, हल्द्वानी में खपाने की थी योजना 🚓

फिलहाल हर की पौड़ी और ऋषिकेश नगर पालिका परिषद के 7 किलोमीटर के दायरे में शराब की दुकानें खोलने पर प्रतिबंध है। इसके अलावा चार धाम यात्रा और हेमकुंट साहिब में शराब प्रतिबंधित है।

एम.आर.पी. नियम होंगे लागू नई नीति में यह भी कहा गया है कि अगर कोई दुकान अधिकतम खुदरा मूल्य से ज्यादा पर शराब बेचती है तो उसका लाइसैंस रद्द किया जा सकता है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए डिपार्टमैंटल स्टोर पर भी एम.आर.पी. नियम लागू होंगे। इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई नीति के तहत मैट्रो शराब और उप-दुकानों की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। नीति में यह भी अनिवार्य किया गया है कि थोक शराब लाइसैंस केवल उत्तराखंड के निवासियों को ही जारी किए जा सकेंगे, ताकि राज्य के भीतर आर्थिक लाभ सुनिश्चित किया जा सके।

यह भी पढ़ें -  ⚠️ उत्तराखंड में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर बैन की तैयारी 💊 | कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद सख्त हुई सरकार 🚫

अधिकारी ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में वाइनरी को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय रूप से उगाए गए फलों से वाइन बनाने वाली इकाइयों को अगले 15 वर्षों के लिए उत्पाद शुल्क में छूट मिलेगी। इसका उद्देश्य किसानों और बागवानी में लगे लोगों को लाभ पहुंचाना है।