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बालासोर रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की जान जा चुकी है. करीब 54 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. वहीं 900 से ज्यादा लोगों जख्मी हैं, जिन्हें बालासोर और आस-पास के जिलों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. यह हादसा इस सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा है, इसलिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. उनका इस्तीफा मांगा जा रहा है. अब इस्तीफे की मांग पर उन्होंने जवाब दे दिया है.

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ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक रेल हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं. विपक्ष के नेता सैकड़ों यात्रियों की मौत के लिए अश्निनी वैष्णव को जिम्मेदार मानते हुए उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. वहीं रेल मंत्री ने इस्तीफे के सवाल पर जवाब दिया है. उन्होंने मीडिया से कहा कि ये समय राजनीति करने का नहीं है. अभी राहत पहुंचाने का वक्त है. हमारा सारा फोकस रेस्क्यू पर है. पूरी ताकत के साथ काम कर रहे हैं. मैं कहीं नहीं जा रहा हूं, मैं यहीं हूं. बचाव कार्य बहुत तेजी से चल रहा है.

उन्होंने कहा कि पीएम ने दौरा किया है और जरूरी निर्देश दिए हैं. पीएम ने तेजी से काम करने के लिए कहा है. घटना की जांच के बाद कदम उठाए जाएंगे. 15 से 20 दिन में जांच रिपोर्ट सब्मिट की जाएगी. अश्वनी वैष्णव ने ट्रेनों की टक्कर रोकने वाले कवच प्रणाली के बारे में बताया कि यह टक्कर रोकने वाले उपकरण की बात नहीं है. जांच रिपोर्ट समाने आने दें, सब कुछ बहुत स्पष्ट हो जाएगा.

रेलमंत्री ने दिन में भी अपने इस्तीफे को लेकर कहा था कि ये जिस तरह का हादसा है, उसमें मानवीय संवेदना बेहद अहम है. मैं यही कहूंगा कि सबसे पहला फोकस रेस्क्यू और रिलीफ पर है.

अब तक 288 लोगों की मौत

बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. हालांकि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है.

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इन्होंने की इस्तीफे की मांग

– कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एक ट्वीट को रीट्वीट किया, जिसमें हाथ से लिखे गए एक पत्र की फोटो संलग्न है. ट्वीट लिखा, यह पत्र पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री का लिखा हुआ है, जब वह रेलमंत्री थे. साल 1956 में एक रेल हादसे के बाद पद से इस्तीफा देने के लिए उन्होंने यह पत्र लिखा था. 

– टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने फेसबुक पर लिखा- मेरा दिल उन परिवारों के लिए जाता है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं. अगर अंतरात्मा की आवाज बनी रहती है, तो रेल मंत्री को अब इस्तीफा दे देना चाहिए.

– सीपीआई सांसद बिनोय विश्वम ने कहा कि सरकार का फोकस सिर्फ लग्जरी ट्रेनों पर है. आम लोगों की रेलगाड़ियों और पटरियों की उपेक्षा की जाती है. ओडिशा में मौतें उसी का परिणाम हैं. रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.

– लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने ट्वीट किया- ‘कवच’ में भी कांड हो गया? मोदी सरकार के लिए बस ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ ट्रेनों में ही इंसान चलते हैं! अगर रेल मंत्री में कुछ नैतिकता और आत्मग्लानि हो तो इतने परिवारों के बर्बाद होने पर तुरंत इस्तीफा दें! इसके बाद एक और ट्वीट किया-रेल मंत्रालय के हर काम का श्रेय कोई और लेता है, जिम्मेदारी कोई और!हर परियोजना को हरी झंडी दिखाने वाले असली रेलमंत्री इस्तीफा दो.

– मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने छतरपुर जिले के चंदला में मीडिया से कहा कि रेल मंत्री कहते हैं कि हमारा पूरा सिस्टम फुल प्रूफ है, उसके बावजूद भी ऐसे हादसे हो रहे हैं. भारत का इतिहास रहा है कि हमारे यहां पहले भी रेल मंत्री ने हादसे पर इस्तीफा दिया है तो अगर रेल मंत्री में थोड़ी सी भी शर्म है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

– शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग की है. राउत ने कहा है कि यह सरासर लापरवाही है. रेल मंत्री ओडिशा से हैं. नैतिक आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

– आरएलपी चीफ और सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव में जरा सी भी नैतिकता बची है तो इस अक्षम्य अपराध के लिए उन्हें अपने पद से त्याग पत्र देना चाहिए. साथ ही देश की जनता से यह कहते हुए माफी मांगनी चाहिए कि वो अयोग्य, अकर्मण्य और नाकारा रेल मंत्री हैं. 

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