मेरठ। सौरभ की बेरहमी से हत्या करने वाले साहिल और मुस्कान पर जेल प्रशासन मेहरबान बना हुआ है। सौरभ के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि साहिल और मुस्कान को मुलाहिजा बैरक से अंदर शिफ्ट कर दिया है।
साहिल की गिनती काटने को जेल के लंबरदारों और बंदी रक्षकों ने रकम एकत्र कर जमा की। यानी अब हत्यारोपी साहिल को जेल में कोई काम नहीं करना पड़ेगा। इसी तरह से मुस्कान को भी फिलहाल जेल में कोई काम नहीं दिया जा रहा है। साैरभ के परिवार ने दोनों को पूर्वांचल की जेलों में शिफ्ट करने की मांग की।
जेल के अंदर कोई काम नहीं करना पड़ता
शनिवार को साहिल और मुस्कान को मुलाहिजा बैरक से अंदर शिफ्ट कर दिया गया। साहिल को 18ए बैरक में भेजा गया है, जबकि मुस्कान को महिला बैरक में भेज दिया। दोनों की गिनती भी काट दी गई है।
दरअसल, जेल में गिनती काटने के लिए पैसे जमा कराए जाते हैं, जिस बंदी की गिनती कट जाती है। उसे जेल के अंदर कोई काम नहीं करना पड़ता है।
पीड़ित परिवार ने सीएम पोर्टल पर की शिकायत
सौरभ की मां रेणू ने बताया कि साहिल की गिनती कटाई के लिए जेल के लंबरदार और बंदी रक्षकों ने खुद रकम जमा की है। इसी तरह से मुस्कान की भी गिनती काटने को रकम जमा हो चुकी है। यानी जेल प्रशासन दोनों हत्यारोपियों की जेल में पूरी तरह से मदद कर रहा है।
ऐसे में पीड़ित परिवार ने सीएम पोर्टल पर जेल अधीक्षक वीरेश राज की शिकायत की है। उनका कहना है कि किसके इशारे पर जेल अधीक्षक दोनों हत्यारोपियों की मदद कर रहे हैं। उसकी जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही दोनों को बाहर की अलग-अलग जेलों में शिफ्ट करने की मांग की है।
जेल अधीक्षक वीरेश राज ने बताया कि जेल नियमावली के मुताबिक ही दोनों बंदियों की मदद की जा रही है। उन्होंने वकील कहा, तो सरकारी वकील मुहैया कराए गए हैं। गिनती कटाई की रकम किसने दी है, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है।
जेल के अंदर मिलने की मांग कर रहे मुस्कान और साहिल
मुस्कान और साहिल जेल के अंदर मिलने की मांग कर रहे हैं। लगातार बंदी रक्षकों से गुहार लगा चुके हैं। जेल प्रशासन का कहना है कि फिलहाल दोनों को अलग रखा जा रहा है। अभी तक दोनों को आपस में मिलने नहीं दिया। मुस्कान से कोई उसका परिचित भी मिलने नहीं आया है। साहिल से उसकी दादी पुष्पा एक बार मिलकर जा चुकी हैं।


