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काठगोदाम में तैनात फौजी की अचानक तबियत बिगड़ गई। सैनिक अस्पताल से सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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काठगोदाम में तैनात फौजी की अचानक तबियत बिगड़ गई। सैनिक अस्पताल से सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मूलरूप से पिथौरागढ़ के नाचनी थानाक्षेत्र स्थित कोटा निवासी गोविंद सिंह रावत (26) पुत्र भीम सिंह रावत कुमाऊं रेजीमेंट में फौजी थे। उनकी तैनाती धारचूला में थी लेकिन जनवरी-फरवरी में उनकी तैनाती सेना के काठगोदाम स्थित मूवमेंट कंट्रोल ऑफिस (एमसीओ) में कर दी गई।

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यहां से भी उनका स्थानांतरण हो चुका था और बुधवार को उन्हें बरेली (यूपी) में ड्यूटी ज्वाइन करनी थी। काठगोदाम पुलिस के मुताबिक मंगलवार की सुबह गोविंद ने नाश्ता किया। उसके बाद उसके सभी साथी ड्यूटी पर चले गए और गोविंद अपना सामान पैक करने चले गए। कुछ देर बाद गोविंद के एक साथी ने उन्हें फोन किया तो काफी देर तक फोन नहीं उठा। बार-बार फोन करने पर गोविंद ने कॉल रिसीव की तो उन्होंने को गंभीर हालत में बताकर एमसीओ बिल्डिंग के पीछे आने के लिए कहा। साथी तत्काल वहां पहुंचे तो गोविंद जमीन पर गिरे पड़े थे।

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उन्हें तुरंत सेना अस्पताल ले जाया गया जहां से गंभीर हालत के चलते गोविंद को सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। एसटीएच में इलाज के दौरान गोविंद की मौत हो गई। काठगोदाम पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच में जहरीला पदार्थ खाने की बात सामने आई है। परिजन शव लेकर मूल निवास चले गए, वहीं दाहसंस्कार किया जाएगा।

पिता से कहा था, छुट्टी लेकर घर आऊंगा

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काठगोदाम पुलिस के मुताबिक, जब गोविंद के पिता भीम सिंह रावत से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि एक दिन पहले गोविंद की उनसे फोन पर बात हुई थी। फोन पर सुबह के समय गोविंद ने कहा था कि वह छुट्टी लेकर घर आएगा। इसके बाद जब शाम को दोबारा बात हुई तो कहा कि उसकी छुट्टी की प्रक्रिया धारचूला से होगी। इसके बाद से पिता व अन्य परिजनों को गोविंद के घर आने का इंतजार था लेकिन वह इस तरह घर वापसी करेगा इसकी उम्मीद भी नहीं थी।

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