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टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत कार एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म रहा. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ये अफवाह फैलाने में जुटे रहे कि घटनास्थल से ऋषभ पंत के सामान लूट लिए गए. अब पुलिस ने इस बात का खंडन किया है

टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत कार एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए. पंत की मर्सिडीज कार उत्तराखंड में एक डिवाइडर से टकरा गई. डिवाइडर से टकराने के बाद कार में आग लग गई. हादसे के बाद देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में ऋषभ पंत का इलाज चल रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक ऋषभ पंत के पैर और सिर में काफी चोटें आई हैं.

पंत के साथ हुए इस भीषण हादसे के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म रहा. सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा ये भ्रामक संदेश वायरल किया गया कि सड़क दुर्घटना के बाद क्रिकेटर ऋषभ पंत का सारा सामान अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लूट लिया गया. हरिद्वार पुलिस ने अब इन तथ्यों का खंडन किया है.  एसएसपी अजय सिंह ने स्पष्ट किया कि कुछ चैनल और पोर्टल पर बताया जा रहा है कि ऋषभ के कुछ सामान लूट लिए गए हैं जबकि ये कथन बिलकुल गलत है.

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घटना के कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने प्रत्यक्षदर्शियों एवं आसपास के लोगों से पूरी जानकारी लेने के बाद बताया कि इस प्रकार की कोई बात प्रकाश में नहीं आई है. हॉस्पिटल में शुरुआती इलाज के दौरान स्वयं ऋषभ पंत ने कहा कि एक बैग (सूटकेस) के अलावा उनका सारा सामान गाड़ी के साथ ही जलकर खाक हो गया. हरिद्वार पुलिस ने उक्त सूटकेस और घटनास्थल से प्राप्त नगदी, ब्रेसलेट व चेन को ऋषभ पंत की मां को अस्पताल में ऋषभ के सामने ही सुपुर्द कर दिया.

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बस ड्राइवर ने की मौके पर मदद

25 साल के पंत मर्सिडीज कार खुद चलाकर अपने घर रूड़की जा रहे थे, ताकि मां को सरप्राइज दिया जा सके. हालांकि पंत की सप्राइज वाली ख्वाहिश दुर्घटना के चलते पूरी नहीं हो पाई है. हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि यह हादसा शुक्रवार को 5 बजकर 22 मिनट पर हुआ. उनके मुताबिक दिल्ली-देहरादून रोड पर डिवाइडर से टकराने के बाद ऋषभ पंत की गाड़ी तुरंत पलट गई और उसमें आग लग गई.

पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे के बाद ऋषभ पंत की फैमिली को फोन किया और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. बीसीसीआई ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है. साथ ही पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है.

एक्सीडेंट के बाद ऋषभ पंत को सबसे पहले हरियाणा रोडवेज के एक बस ड्राइवर सुशील कुमार ने देखा था. उन्होंने ही पंत को कार से निकालने में मदद की थी और एम्बुलेंस को बुलाकर पंत को अस्पताल भिजवाया. सुशील ने बताया कि पंत खून से लथपथ थे और उन्होंने ही बताया था कि वो क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं. अब सुशील कुमार को उत्तराखंड के डीजीपी सम्मानित भी करेंगे.

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सुशील कुमार को मिलेगा सम्मान

अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड ने घोषणा के मुताबिक पंत की मदद करने को आगे आए हरियाणा रोडवेज के बस ड्राइवर सुशील, कंडक्टर एवं अन्य स्थानीय लोगों को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय,भारत सरकार की ‘गुड सेमेरिटन’ स्कीम के तहत सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी सड़क दुर्घटना के पीड़ित के लिए पहला एक घंटा बहुत महत्वपूर्ण होता है. उस एक घंटे में पीड़ित को आवश्यक उपचार मिलना बहुत महत्वपूर्ण है. आमजन में इस व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए गुड सेमेरिटन स्कीम को लागू किया गया है.