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छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर एमबीपीजी कॉलेज के छात्रनेता तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं। मंगलवार से आमरण अनशन पर बैठे छात्र रक्षित सिंह बिष्ट की बुधवार को तबीयत बिगड़ गई जिस पर छात्र नेताओं ने कॉलेज परिसर में खूब  हंगामा किया। 

छात्रों ने रक्षित की तबीयत बिगड़ने पर प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी का घेराव कर आंदोलन की अनदेखी करने का आरोप लगाया। छात्रों ने कहा कि अनशन पर बैठे छात्र की तबीयत बिगड़ गई लेकिन कॉलेज प्रशासन ने न तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया और न ही एंबुलेंस बुलाई। छात्रों के हंगामे के बाद आनन-फानन में एंबुलेंस बुलाई गई।

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एंबुलेंस से  रक्षित को बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राचार्य डॉ. बनकोटी भी  एंबुलेंस में बैठकर अस्पताल पहुंचे। बुधवार देर शाम से दो अन्य छात्रों चंदन मेवाड़ी और उमाशंकर तिवारी ने अनशन शुरू कर दिया है। प्राचार्य कक्ष में हंगामे के दौरान छात्रों ने प्राचार्य पर आरोप लगाया कि वह सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। कहा कि प्राचार्य अनशन पर बैठे एनएसयूआई से जुड़े छात्र रक्षित का हाल जानने तक अनशन स्थल पर नहीं पहुंचे और न तो डॉक्टर बुलाया गया और न एंबुलेंस मंगाई गई। इस पर प्राचार्य ने बताया कि उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस व प्रशासन को दे दी थी।

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असाइनमेंट को लेकर भी छात्रों ने किया हंगामा
बुधवार को एमबीपीजी कॉलेज में छात्रों ने असाइनमेंट जमा करने को लेकर भी हंगामा किया। छात्रों ने बताया कि प्राध्यापक असाइनमेंट में तमाम कमियां निकाल रहे हैं। छात्र-छात्राओं के असाइनमेंट जमा नहीं कर रहे हैं। इस पर प्राचार्य ने मामले का संज्ञान लेते हुए छात्रों को समझाकर किसी तरह शांत किया।

प्राचार्य ने एसएसपी को पत्र भेजकर मांगी मेडिकल टीम
प्राचार्य एनएस बनकोटी ने एसएसपी पीएन मीणा को पत्र लिखकर अनशन स्थल पर मेडिकल टीम तैनात करने का अनुरोध किया है। बीते मंगलवार को सचिव पद का दावेदार छात्र अजय बेहोश हो गया था जिस पर एंबुलेंस व मेडिकल टीम मौजूद नहीं होने पर आनन-फानन में उसे पास स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसे लेकर छात्रों ने काफी नाराजगी जताई थी। अमृत विचार अखबार ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था जिसका संज्ञान लेकर प्राचार्य ने पत्र लिखकर मेडिकल टीम मांगी है।