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उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र राज्य की आर्थिकी को सशक्त करने और 20 लाख रोजगार का बड़ा माध्यम बनने जा रहा है। पुष्कर सिंह धामी सरकार वैश्विक निवेशक सम्मेलन में सेवा क्षेत्र से संबंधित प्रस्तावों को शीघ्र मूर्त रूप देगी।

मंत्रिमंडल ने सोमवार को इस संबंध में उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति-2024 को स्वीकृति दी। इसके अंतर्गत प्रदेश में निवेशक करने वाले उद्यमों को कुल निवेश का 25 प्रतिशत अथवा 100 करोड़ रुपये तक सब्सिडी दी जाएगी।

धामी सरकार ने प्रदेश में सेवा क्षेत्र के माध्यम से 60 हजार करोड़ के निवेश और 20 लाख व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में सेवा क्षेत्र के लिए नीति को स्वीकृति समेत 10 बिंदुओं पर निर्णय लिए गए।

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सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली ने मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेवा क्षेत्र नीति में चिह्नित फोकस क्षेत्रों में अधिक से अधिक निवेश को आकर्षित किया जाएगा। नीति की वैधता 31 दिसंबर, 2030 तक रहेगी।

स्वास्थ्य, वेलनेस, पारंपरिक चिकित्सा, शिक्षा, फिल्म मीडिया व मनोरंजन, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, डेटा केंद्र, कौशल विकास सेवा क्षेत्र नीति के फोकस क्षेत्र होंगे। निवेश की न्यूनतम सीमा विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग है। न्यूनतम निवेश की सीमा मैदानी क्षेत्र में पांच वर्षों में 100 करोड़ से अधिक और पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ से अधिक रखी गई है।

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साथ में प्रतिबद्ध निवेश की समय सीमा पांच वर्ष निर्धारित की गई है। इस नीति से लाभान्वित होने वाली परियोजनाओं के लिए 25 वर्ष तक क्रियाशील रहना अनिवार्य होगा। इस नीति के अंतर्गत 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास करने का लक्ष्य भी रखा गया है। नीति का क्रियान्वयन नियोजन विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (यूआईआईडीबी) करेगा।

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प्रदेश में अब बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकेंगे। डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षित ही प्राथमिक शिक्षक बनने के पात्र होंगे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से सभी राज्यों को चार सितंबर, 2023 को जारी निर्देशों के क्रम में यह निर्णय लिया गया है। मंत्रिमंडल ने इस संबंध में प्राथमिक शिक्षक पद के लिए निर्धारित अर्हता में से बीएड योग्यता को हटाते हुए उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली को स्वीकृति दी।