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मोटापा या ओवरवेट होना आज के समय में काफी बड़ी समस्या बना हुआ है. मोटापे से ग्रसित लोगों को कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं या उनका खतरा बढ़ सकता है. अगर आपने समय रहते वजन को कंट्रोल नहीं किया, तो आपके लिए गंभीर साबित हो सकता है.

उम्र, बीमारियां और बदलती डाइट के कारण व्यक्ति का वजन घटता बढ़ता रहता है. वजन बढ़ना एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति का मोटापा इतना ज्यादा बढ़ जाता है जिसका असर सेहत पर भी बुरा पड़ता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, कैलोरी के ज्यादा सेवन से शरीर में फैट या वसा जमा होने लगता है जिससे मोटापा बढ़ता है.

मोटापे से पीड़ित लोगों का बॉडी मास इंडेक्स 30 या इससे अधिक होता है. ऑनलाइन कैलकुलेटर से कोई भी अपना बीएमआई पता कर सकते हैं. इसके लिए केवल लंबाई और वजन की जरूरत होती है. एक्सपर्ट के मुताबिक, मोटापे वाले लोगों को निम्न बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

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1. हाइपरथायरायडिज्म या थायरॉइड (Hyperthyroidism) 

एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आपको थायरॉइड की समस्या है तो सबसे पहले शरीर में एक चीज जो दिखाई देनी शुरू होती है वह है आपका बढ़ता हुआ वजन. हाइपोथॉयराडिज्म की समस्या तब होती है जब आपकी थायरॉइड ग्रंथि, हार्मोन का उत्पादन बहुत कम मात्रा में करती है. वहीं अगर थायरॉइड शरीर में बहुत ज्यादा हार्मोन बनाता है तो वजन बहुत ज्यादा कम होने लगता है. इसे हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है.थायरॉइड एक ऐसी समस्या है जिसका सामना किसी भी उम्र के व्यक्ति को करना पड़ सकता है, यहां तक की बच्चों और नवजात शिशुओं को भी.

2. हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)

मोटे लोगों को अक्सर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है. हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, यह वह स्थिति होती है, जिसमें खून रक्त वाहिकाओं में सामान्य से अधिक तेजी के साथ बहने लगता है. हाई ब्लड प्रेशर हार्ट पर प्रेशर डालता है, जिससे रक्त वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंचा सकता है, दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी और मृत्यु का खतरा भी बढ़ सकता है.

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3. दिल की बीमारी (Heart Disease)

मोटापे से हार्ट रोग का खतरा बढ़ जाता है और वहीं इससे दिल का दौरा, हार्ट फेल, या असामान्य हार्ट रिदम जैसी समस्याएं हो सकती हैं. हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड फैट का असमान्य लेवल और हाई ब्लड शुगर हार्ट डिसीज का जोखिम बढ़ा सकते हैं. ऐसे में अपने शरीर के कुल वजन का 5 से 10 प्रतिशत कम करने से हृदय रोग के विकास का जोखिम कम किया जा सकता है. यानी यदि आपका वजन लगभग 80 किलो है, तो आपको 8-16 किलो वजन कम करना चाहिए. जिससे से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड फ्लो में सुधार हो सकता है.

4. डायबिटीज (Diabetes)

जब ब्लज ग्लूकोज या रक्त शर्करा बहुत अधिक हो जाती है, तब टाइप 2 डायबिटीज होती है. टाइप 2 डायबिटीज वाले 10 में से लगभग 8 लोग अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त हैं. समय के साथ-साथ हाई ब्लड शुगर हार्ट डिसीज, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी, आंखों की समस्या और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है. टाइप 2 डायबिटीज होने के खतरे को कम करने के लिए आपके शरीर के कुल वजन का 5 से 7 प्रतिशत कम करने और रोजाना एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है.

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5. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) 

ऑस्टियोआर्थराइटिस काफी कॉमन और लंबे समय तक चलने वाली समस्या है, जो जोड़ों में दर्द, सूजन का कारण बनती है. अधिक वजन होने या मोटापा होने से जोड़ों और कार्टिलेज पर अतिरिक्त दबाव आता है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ सकता है.

अचानक बढ़ते वजन को करें ऐसे कंट्रोल

अचानक वजन बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. इसलिए, किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें और शरीर का चेकअप कराएं. साथ ही अगर शरीर में कोई बड़ी बीमारी निकलती है तो समय लेकर उस बीमारी का इलाज जरूर कराएं.

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