सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार (9 अगस्त) को मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पास स्थित शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण पर रोक लगाने के अपने पिछले आदेश को नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया है।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की पीठ ने इस मामले में व्यापक बहस की आवश्यकता बताते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 1 अगस्त के आदेश को भी ध्यान में रखने की बात कही, जिसमें हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित 18 मुकदमों की सुनवाई जारी रखने की अनुमति दी थी।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट से सर्वेक्षण पर लगी रोक को हटाने की याचिका पर विचार करने का अनुरोध किया, लेकिन पीठ ने सुनवाई को नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के 26 मई के आदेश को चुनौती देने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा था, जिसमें हाईकोर्ट ने मथुरा के विभिन्न सिविल न्यायालयों में लंबित लगभग 18 मुकदमों को एक साथ जोड़ने का आदेश दिया था। ईदगाह समिति और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट का आदेश श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव खेवट मथुरा (देवता) की ओर से रंजना अग्निहोत्री और सात अन्य द्वारा दायर याचिका के आधार पर आया था, जिसमें मस्जिद की भूमि पर अधिकार का दावा किया गया है। मस्जिद प्रबंधन समिति ने मुकदमों की वैधता पर सवाल उठाया, यह तर्क देते हुए कि मामला पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत वर्जित है। हालांकि, 1 अगस्त को हाईकोर्ट ने मुकदमों की स्थिरता को स्वीकार किया और मुद्दों को तय करने के लिए 12 अगस्त की तारीख निर्धारित की।