उत्तरकाशी। उत्तराखंड फिर से प्रकृति के कहर से जूझ रहा है। जिला उत्तरकाशी के धराली के बाद अब स्यानाचट्टी में हालात बिगड़ गए हैं। अचानक कुपड़ा खड्ड से भारी मलबा और पत्थर बहकर यमुना नदी में आ गए, जिससे नदी का प्रवाह थम गया और झील का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा।
स्यानाचट्टी में हाहाकार, घर-होटलों में घुसा पानी
झील का पानी बढ़ते ही स्यानाचट्टी के आवासीय भवनों और होटलों में पानी भर गया। इससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच दहशत फैल गई। हालात की गंभीरता देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया और स्यानाचट्टी, कुथनौर और खराड़ी के सभी भवनों व होटलों को खाली कराया गया।
➡️ करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
गांव खाली करने पर मजबूर लोग
खतरे की आशंका को देखते हुए कुथनौर और खराड़ी के लोग अपने मूल गांवों स्यालना, पुजारगांव, पाली और भंसाड़ी में चले गए हैं।
लगातार आ रहा है मलबा, मशीनें ठप
कुपड़ा खड्ड से लगेातार पत्थर और मलबा नदी में भर रहा है, जिससे जून के अंत में बनी झील का बहाव अब दूसरी बार रुक गया है।
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सिंचाई विभाग की तीन पोकलेन मशीनें नदी का प्रवाह सुचारू करने की कोशिश कर रही हैं।
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लेकिन भारी मलबा आने से काम बार-बार रुक रहा है।
स्थानीय निवासियों की मांग – “सिर्फ अस्थायी नहीं, स्थायी समाधान चाहिए”
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि खुला मौसम होने के बावजूद खड्ड से भारी मलबा आ रहा है। अगर तुरंत स्थायी समाधान नहीं निकाला गया तो स्यानाचट्टी एवं आसपास का इलाका हर वक्त खतरे में रहेगा।
NDRF–SDRF अलर्ट पर, हाईवे पुल भी खतरे में
गंभीर हालात को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें खराड़ी में तैनात हैं। वहीं यमुनोत्री हाईवे पर बना पुल झील के जलस्तर में आधा डूब चुका है, जिससे राहत और बचाव कार्य में कठिनाइयाँ बढ़ गई हैं।





