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उधम सिंह नगर में डेरा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या के बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं. बताया जाता है कि एक महीना पहले ही तरसेम सिंह ने सोशल मीडिया पर अपनी हत्या की आशंका जताई थी. इसके बावजूद उन्हें गोलियों से भून दिया गया. पुलिस प्रशासन पर उठ रहे सवाल की बाबत डीजीपी ने हमलावरों की पहचान कर लिये जाने का दावा किया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में गुरुवार की सुबह नानकमत्ता गुरुद्वारा में कार सेवा डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. बाइक से आए अज्ञात हमलावरों ने बाबा तरसेम सिंह को गोलियों से भून दिया. इस घटना ने सूबे में कानून-व्यवस्था को लेकर कई सारे सवाल खड़े कर दिये हैं. बताया जाता है कि एक महीने पहले डेरा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपने जान को खतरा बताया था.

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घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीजीपी अभिनव कुमार को सख्त एक्शन लेने के आदेश दिए हैं. इस मामले पर DGP उत्तराखंड अभिनव कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जा चुका है. हमने हमलावरों की पहचान कर ली है. उन्हें जल्द पकड़ लिया जाएगा.

जांच के लिए एसआईटी गठित
डीजीपी ने बताया कि सुबह हमारे पास घटना की सूचना आई थी. घायल हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन अभी की जानकारी के अनुसार उनकी मृत्यु हो गई है. यह हत्या चिंता का विषय है.मौके पर वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं. घटनास्थल का निरीक्षण और स्थानीय जनता से बात की जाएगी. जांच के लिए SIT का गठन किया जा चुका है.

हमलावरों की हो चुकी है पहचान: DGP 
डीजीपी ने बताया कि हमने हमलावरों को पहचान लिया है और जल्द उन्हें पकड़ लिया जाएगा. इसमें आतंकवाद और धार्मिक हमले को लेकर हमने यूपी पुलिस, पंजाब पुलिस और NIA से भी संपर्क किया. पर्सनल दुश्मनी को लेकर भी जांच चल रही है.

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लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील
तरसेम सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट और हमलावरों के आचार संहिता में हथियार के साथ आने पर डीजीपी ने कहा कि पुलिस से कहां चूक हुई उस पर भी कार्रवाई करेंगे. मेरी लोगों से अपील है कि शांति व्यवस्था बनाएं रखें. हम जल्द ही खुलासा करेंगे. उत्तराखण्ड की कानून व्यवस्था को खराब नहीं होने देंगे. उधमसिंह नगर में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है और हमलावरों की तलाशी जारी है.

कौन हैं बाबा तरसेम सिंह
उधम सिंह नगर में नानकमत्ता गुरुद्वारा के मुख्य कार सेवक बाबा तरसेम सिंह खटीमा के जसारी झनकट नामक गांव के रहने वाले थे. उन्होंने शादी नहीं की थी. पूरा जीवन गुरु नानक देव जी को समर्पित कर दिया था. गुरुद्वारा की सेवा और समर्पण की वजह से उत्तराखण्ड, दिल्ली और पंजाब में उनके काफी अनुयायी हैं. खुद के ऊपर लगे गुरुद्वारा की जमीन कब्जाने को लेकर खंडन करते हुए. जान को खतरा की भी बात  भी कही थी.

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सीएम के बताए जाते हैं करीबी
करीबियों का कहना है कि बाबा तरसेम सिंह पिछले कई सालों से श्री नानकमत्ता गुरुद्वारे के कार सेवा प्रमुख थे और गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण में अपने सम्पूर्ण जीवन को समर्पित किया था. पंजाब और तराई में बाबा तरसेम सिंह का जाना माना नाम है.बाबा तरसेम सिंह को सीएम धामी का करीबी भी बताया जाता है.

कानून व्यवस्था पर सवाल 
बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उत्तराखण्ड में दिनदहाड़े इतनी जानी मानी शख्सियत को गोलियों से भून दिया गया.  करीब एक महीने पहले बाबा तरसेम सिंह ने फेसबुक पोस्ट में अपनी जान को खतरा बताया था फिर भी पुलिस ने उस पर कोई एक्शन नहीं लिया? सूत्र बताते हैं कि मुख्य सेवक को लेकर दो गुटों में लम्बे समय से विवाद चल रहा था.

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