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नैनीताल ना जाने पर उनका सारा कारोबार प्रभावित हो रहा है और उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. लिहाजा अब रोजी-रोटी के संकट को देखते हुए टैक्सी चालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है. साथ ही सरकार से हाईकोर्ट में उनकी तरफ से पैरवी करने की बात कही है.

कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में 4 सितंबर से 15 हजार से अधिक टैक्सियों के पहिए अनिश्चितकाल के लिए थम सकते हैं. जिसका असर कुमाऊं मंडल निवासियों की आवाजाही पर पड़ेगा. दरअसल नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा उत्तराखंड के सभी टैक्सी वाहनों का नैनीताल में प्रवेश प्रतिबंधित किए जाने के बाद सभी टैक्सी चालक अनिश्चितकाल हड़ताल पर जा रहे हैं.

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केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और सीएम को लिखा गया पत्र: 

टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार टैक्सी चालकों की तरफ से हाईकोर्ट में कोई पैरवी नहीं कर रही है. हकीकत तो यह है कि टैक्सी चालकों ने सरकार की विभिन्न योजनाओं से टैक्सी खरीदने के लिए ऋण लिया है. अब उन्हीं की टैक्सी को नैनीताल में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. ऐसे में टैक्सी चालक 4 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. वहीं, इस मामले को लेकर टैक्सी महासंघ यूनियन नैनीताल ने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और मुख्यमंत्री सीएम को भी पत्र लिखा है.

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सरकार से हाईकोर्ट में पैरवी करने की मांग: 

टैक्सी चालकों का कहना है कि कोविड के बाद टैक्सी का कारोबार खत्म होने की कगार पर आ गया था. ऐसे में अगर उनकी टैक्सी को नैनीताल के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया, तो उनका कारोबार चौपट हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी तरफ से नैनीताल हाईकोर्ट में पैरवी करे और बीच का कोई रास्ता निकाले. जिससे उत्तराखंड की सभी टैक्सी नैनीताल में प्रवेश कर सकें और उनका कारोबार ठीक से चल सके.

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