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प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के 2,906 पदों पर चल रही भर्ती में पद खाली रहे तो शेष पदों पर नए सिरे से भर्ती होगी। इसी साल दिसंबर में यह भर्ती हो सकती है। पात्र अभ्यर्थी न मिलने से वर्तमान में चल रही भर्ती के 50 प्रतिशत पद खाली रह सकते हैं। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए विभाग ने वर्ष 2020 एवं 2021 में आवेदन मांगे थे, लेकिन शिक्षक भर्ती के कई पद खाली रह जाने से इन पदों के साथ ही अन्य पदों को शामिल कर 2,906 पदों पर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।

विभाग की ओर से इसके लिए शनिवार को एक साथ सभी जिलों में काउंसलिंग के बाद 16 अगस्त को पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र दिए जाने थे, लेकिन काउंसलिंग में पात्र अभ्यर्थियों के कम संख्या में पहुंचने से विभाग का भी मानना है कि भर्ती के 50 प्रतिशत पद खाली रह सकते हैं।

शिक्षक भर्ती में उत्तराखंड से रेगुलर डीएलएड कर चुके अभ्यर्थियों की संख्या 650 है, जबकि उत्तराखंड के मूल एवं ऐसे स्थायी निवासी जो राज्य के बाहर से डीएलएड हैं, उनकी संख्या करीब 1000 हैं। बीएड और एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती से पहले ही बाहर किए जा चुके हैं। ऐसे में शिक्षक भर्ती के 50 प्रतिशत पद खाली रह सकते हैं।

शुरू से विवाद में रही है शिक्षक भर्ती
प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती शुरू से विवादों में रही है। पूर्व में एनआईओएस से डीएलएड और बीएड अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल किया गया था, लेकिन पहले एनआईओएस से डीएलएड और फिर बीएड अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर किया गया, जिससे मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

पूर्व में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को भी किया गया शामिल
शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, वर्ष 2020 एवं 2021 में शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को भी वर्तमान में चल रही भर्ती में शामिल किया गया है। इन अभ्यर्थियों को पूर्व में किए गए आवेदन के आधार पर भर्ती में शामिल किया गया है।

नियुक्तिपत्र देने से पहले लिए जाएंगे शपथपत्र
शिक्षक भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र देने से पहले विभाग उनसे शपथपत्र लेगा। विभाग के प्रभारी निदेशक आरएल आर्य के मुताबिक, जिन अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों को लेकर विभाग को संदेह है। उन्हें नियुक्तिपत्र देने से पहले उनसे शपथपत्र लिया जाएगा।