प्रशासन को शुक्रवार की सुबह ट्रैकरों के सुरक्षित होने की सूचना मिली थी। लेकिन सुबह साढ़े आठ बजे के बाद ट्रैकरों की लोकेशन की जानकारी नहीं मिली है।
पिंडारी ग्लेशियर में हो रही भारी बर्फबारी की चपेट में विदेशी ट्रैकरों का दल भी आ गया। बर्फबारी में दल का सारा सामान दबने की सूचना है। हालांकि ट्रैकर और गाइड सुरक्षित बताए जा रहे हैं। ट्रैकरों के फंसने की सूचना पर प्रशासन अलर्ट हो गया है। राहत सामग्री लेकर टीम मौके की ओर रवाना कर दी गई हैं।
अप्रैल के बाद ग्लेशियरों की सैर शुरु हो जाती है। देश-विदेश से रोमांच के शौकीन जिले के विश्व प्रसिद्ध पिंडारी और कफनी ग्लेशियर की सैर करने आते हैं। इस महीने की शुरुआत में विदेशी ट्रैकरों का 13 सदस्यीय दल एक भारतीय गाइड के साथ पिंडारी ग्लेशियर की ट्रैकिंग पर गया था। तीन अप्रैल को दल वन विभाग की अंतिम चेक पोस्ट जैंकुनी में पंजीकरण कराकर आगे की ओर रवाना हुआ था। हालांकि मौसम खराब होने के चलते दल को कुछ दिनों तक खाती गांव में रुकना पड़ा था।
ग्लेशियर रेंज के रेंजर शंकर दत्त पांडेय ने बताया कि दल को पिंडारी ग्लेशियर पार करते हुए मुनस्यारी जाना है। पिछले 17 अप्रैल तक दल के जीरो प्वाइंट में होने की सूचना थी। इसके बाद दल आगे बढ़ा तो मौसम बदलने लगा। शुक्रवार तड़के पिंडारी ग्लेशियर में भारी बर्फबारी होने और दल के जीरो प्वाइंट से पांच किमी की दूरी पर फंसने की सूचना मिली थी।
नहीं मिल रही कोई सूचना
कपकोट की एसडीएम मोनिका ने बताया कि शुक्रवार की सुबह ट्रैकरों के सुरक्षित होने की सूचना मिली थी। लेकिन सुबह साढ़े आठ बजे के बाद ट्रैकरों की लोकेशन की जानकारी नहीं मिली है। एसडीआरएफ के पांच जवान, राजस्व, स्वास्थ्य, पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम राहत सामग्री लेकर ग्लेशियर की ओर रवाना कर दी गई है। रवानगी से पहले टीम की ब्रीफिंग की गई।
डीएम ने खोज-बचाव के लिए दो हेलीकॉप्टर मांगे
जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि खोज-बचाव के लिए शासन से दो हेलीकॉप्टर की मांग की गई है। हेलीकॉप्टरों के जल्द जिले में पहुंचने की उम्मीद है। जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ का भी सहयोग लिया जाएगा। इस मामले पर पूरी नजर रखी जा रही है।