चुनाव आयोग ने देशभर में लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है. उत्तराखंड में पहले चरण में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी. इससे पहले 20 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए नोटिफेकेशन जारी हो गया है. नॉमिनेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. 27 मार्च नॉमिनेशन की अंतिम तारीख है. ये तो रही चुनावी तारीखों की बात, अब आपको उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर किस दल से कौन कैंडिडेट लड़ रहा है. आइये बताते हैं.
बता दें लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने कैंडिडेट घोषित कर दिये हैं. इसके साथ ही क्षेत्रीय दलों के साथ ही कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों ने लोकसभा चुनाव में ताल ठोकी है. ईटीवी भारत अपने पाठकों को लोकसभा सीट वार कैंडिडेट और उनकी स्थिति के बारे में बताने जा रहा है.
हरिद्वार में भिड़ेंगे दो रावत, उमेश भी पीछे नहीं: उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें हैं. इनमें से हरिद्वार सबसे हॉट सीट है. हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनावी मैदान में उतारा है. त्रिवेंद्र के पास चार दशक से लंबा राजनीति का अनुभव है. इसके साथ ही बीजेपी संगठन के कारण हरिद्वार सीट पर उनकी स्थिति पहली नजर में मजबूत दिख रही है. वहीं, कांग्रेस ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को टिकट दिया है. हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत लोकसभा चुनाव के अपनी पॉलिटिकल पारी का आगाज कर रहे हैं. वीरेंद्र के टिकट के लिए हरीश रावत ने कई दिनों तक दिल्ली में डेरा डाला. जिसके बाद उन्हें टिकट मिला. माना जा रहा है हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से भले ही चेहरा वीरेंद्र का हो, मगर चुनाव हरीश रावत ही लड़ रहे हैं. हरिद्वार लोकसभा सीट पर ही कांग्रेस सबसे अधिक मजबूत है. यहां से कांग्रेस के पास सबसे अधिक विधायक हैं. जिसके कारण यहां मुकाबला रोचक हैं. हरिद्वार सीट पर खानपुर विधायक उमेश कुमार ने भी निर्दलीय ताल ठोकी है. उमेश कुमार इससे पहले अप्रत्याशित तौर पर विधानसभा चुनाव में जीत चुके हैं. लोकसभा चुनाव में भी वे हरिद्वार सीट त्रिकोणीय मुकाबला बना सकते हैं.
पौड़ी लोकसभा सीट पर तगड़ा मुकाबला: हरिद्वार के बाद उत्तराखंड में पौड़ी लोकसभा सीट की चर्चा है. पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को चुनावी मैदान में उतारा है. अनिल बलूनी मोदी शाह के करीबी हैं. जिसका उन्हें लोकसभा चुनाव में फायदा मिलेगा. इसके अलावा मोदी लहर भी अनिल बलूनी के लिए प्रभावी साबित होगी. वहीं, कांग्रेस ने पौड़ी लोकसभा सीट से गणेश गोदियाल को टिकट दिया है. गणेश गोदियाल पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. गणेश गोदियाल का मिलनसार स्वाभार, जनता के बीच होना उन्हें इस चुनावी लड़ाई में ताकत देता है. इसके साथ ही संगठन पर गोदियाल की पकड़ का भी उन्हें फायदा मिलेगा. इसके साथ ही पौड़ी लोकसभा सीट पर क्षेत्रीय दल यूकेडी ने भी कैंडिडेट उतारा है. यूकेडी ने पत्रकार आशुतोष नेगी को चुनावी मैदान में उतारा है. आशुतोष नेगी अंकिता भंडारी हत्याकांड को मुखरता से उठा रहे हैं. इस मामले को लेकर वे लंबे समय ले जनता के बीच हैं. जिसका उन्हें फायदा मिल सकता है.
टिहरी सीट पर बॉबी बिगाड़ेगे खेल: इसके बाद टिहरी लोकसभा सीट का नंबर आता है. यहां से बीजेपी ने राजपरिवार से आने वाली माला राज्यलक्ष्मी शाह को टिकट दिया है. माला राज्यलक्ष्मी शाह टिहरी संसदीय सीट से लगातार तीन बार सांसद हैं. जिसके कारण एक बार फिर से बीजेपी ने उनपर भरोसा जताया है. राजशाही का असर, बीजेपी संगठन का टिहरी में माला राज्यलक्ष्मी शाह को फायदा मिलता है. जिसके कारण वे हर बार यहां से चुनाव जीतती हैं.
वहीं, कांग्रेस ने टिहरी से जोत सिंह गुनसोला को टिकट दिया है. जोत सिंह गुनसोला पुराने कांग्रेसी हैं. वे एक बार विधायक रहे हैं. उत्तराखंड क्रिकेट एसोशिएसन में भी उनका दखल रहा है. अगर टिहरी सीट पर उनके मुकाबले की करें तो वे रानी के सामने कमजोर आंके जा रहे हैं. टिहरी सीट पर इस बार एक युवा ने भी ताल ठोकी है. इस युवा का नाम बॉबी पंवार है. बॉबी पंवार उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष हैं. पिछले लंबे समय से बॉबी पंवार राज्य में युवाओं की लड़ाई लड़ रहे हैं. जिसके कारण लोकसभा के चुनावी रण में बॉबी पंवार के पीछे युवा ताकत दिखाई दे रही है, मगर ये युनवा ताकत कितनें वोटों में तब्दील हो पाएगी ये तो वक्त ही बताएगा
नैनीताल सीट पर भी चुनावी जंग: इसके बाद कुमाऊं की दो लोकसभा सीटों की बात करते हैं. इसमें पहले सीट नैनीताल उधमसिंह नगर सीट है. यहां से बीजेपी ने अजय भट्ट को टिकट दिया है. अजय भट्ट 2019 में भी यहां से चुनाव जीत चुके हैं. यहां से चुनाव जीतने के बाद भट्ट को केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री बनाया गया. इस लोकसभा चुनाव के लिए अजय भट्ट काफी लंबे समय से तैयारी में लगे थे. वे लगातार ग्राउंड पर रहे. लोगों से मिलते जुलते रहे. जिसके कारण वे हर दिन यहां जनाधार बढ़ाते गये. वहीं, कांग्रेस की बात करें तो काफी सोच विचार के बाद नैनीताल सीट पर युवा नेता प्रकाश जोशी को टिकट दिया गया. प्रकाश जोशी राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं. प्रकाश जोशी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कई पदों पर रहे. इसके अलावा कालाढूंगी सीट से दो बार विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन दोनों ही चुनाव हार गये.
अल्मोड़ा में पहली नजर में बीजेपी आगे: आखिरी लोकसभा सीट अल्मोड़ा पिथौरागढ़ सीट है. ये सीट कई सालों से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. बीजेपी ने यहां से अजय टम्टा को टिकट दिया है. अजय टम्टा अल्मोड़ा पिथौरागढ़ सीट पर 2014 से सांसद हैं. अजय टम्टा केंद्र की मोदी सरकार में कपड़ा राज्यमंत्री भी रहे. मोदी सरकार के दूसके कार्यकाल में उन्हें कोई पद नहीं दिया गया. अजय टम्टा की साफ छवि उन्हे हाईकमान की पहली पंसद बनाती है. वहीं, बात अगर कांग्रेस की करें तो यहां से प्रदीप टम्टा को टिकट दिया है. प्रदीप टम्टा यहां से लागातार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, मगर लहर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ता है, क्या इस बार हालात बदलेंगे, ये देखने वाली बात होगी.