देहरादून। राज्य में बिना पंजीकरण या नवीनीकरण के प्रैक्टिस कर रहे चिकित्सकों पर सरकार सख्त हो गई है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्रैक्टिस कर रहे सभी चिकित्सकों की सूची तैयार करें और उनके प्रमाणपत्रों की जांच सुनिश्चित करें।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने इस बाबत आदेश जारी किया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट-2019 के तहत लिया गया है, जिसके अनुसार वैध पंजीकरण के बिना कोई भी व्यक्ति चिकित्सा सेवा नहीं दे सकता। बिना पंजीकरण या नवीनीकरण के प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह कदम जनस्वास्थ्य की सुरक्षा और चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम है। राज्य में लंबे समय से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ डाक्टर बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे हैं, जबकि कुछ के प्रमाण पत्र वर्षों से नवीनीकृत नहीं हुए हैं।
उन्होंने कहा कि कई जगह ऐसे लोग भी इलाज करते पाए गए हैं जिनके पास कोई वैध डिग्री नहीं है। इस आदेश से ऐसे फर्जी डाक्टरों पर भी लगाम लगेगी और जनता का भरोसा पंजीकृत चिकित्सकों पर और मजबूत होगा।
स्वास्थ्य सचिव ने सभी सीएमओ को आदेश दिया है कि वे इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करें और हर सप्ताह इसकी रिपोर्ट शासन को भेजें। आदेश की अनदेखी करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ नोटिस जारी करने या सेवा से पृथक करने की कार्रवाई की जाएगी।
चिकित्सा परिषद को निर्देश दिए गए हैं कि वे चिकित्सकों की सूची सभी जिलों को भेजें और जिन चिकित्सकों ने अब तक पंजीकरण या नवीनीकरण नहीं कराया है, उनकी सूची सार्वजनिक करें। पंजीकरण प्रक्रिया को भी अधिक सरल बनाया जा रहा है।



