देहरादून। उत्तराखंड में करीब एक सप्ताह से अधिक समय से मानसून जैसे हालात हैं। पहाड़ से मैदान तक मध्यम से लेकर तीव्र वर्षा के दौर हो रहे हैं। कहीं-कहीं तो अभी से आपदा जैसे हालात भी बन रहे हैं।
पिछले दस दिन में प्रदेशभर में सामान्य से दोगुनी वर्षा हो चुकी है। हरिद्वार, देहरादून में तो चार गुना वर्षा दर्ज की गई। केवल नैनीताल में ही मेघ सामान्य से कम बरसे हैं। अब जून मध्य में मानसून के उत्तराखंड में दस्तक देने की उम्मीद है। जिससे पहले भी रुक-रुककर वर्षा के दौर हो सकते हैं। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों बौछारों का सिलसिला बना हुआ है।
मानसून 15 से 20 जून के आसपास पहुंच सकता है
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 27 मई तक मानसून केरल के रास्ते देश में प्रदेश करने का अनुमान है। जिसके बाद उत्तराखंड तक का सफर मानसून करीब 20 दिन के आसपास करता है। जिसके अनुसार, इस वर्ष प्रदेश में मानसून 15 से 20 जून के आसपास पहुंच सकता है। जबकि, सामान्य समय भी 20 जून के आसपास ही माना जाता है। इस बार मानसून सीजन में उत्तराखंड में सामान्य से 10 से 20 प्रतिशत अधिक वर्षा रहने का भी अनुमान है।
बारिश पर जताया ये अनुमान
वहीं, इस बार एक मार्च से अब तक ग्रीष्मकाल में सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। जबकि, एक मई के बाद से अब तक 94 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। आने वाले दिनों में पर्वतीय क्षेत्रों में प्री-मानसून शावर तेज हो सकती हैं। कई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तीव्र बौछार और तेज हवा चलने का दौर जारी है। दून में भी कहीं-कहीं बौछारें पड़ रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में मानसून के 15 से 20 जून के आसपास पहुंचने की उम्मीद है। जो कि सामान्य के करीब ही माना जाएगा।
उत्तराखंड को खूब भिगा सकते हैं प्री-मानसून शावर
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, एक मार्च से 31 मई तक प्री-मानसून सीजन होता है। इसके बाद एक जून से 30 सितंबर तक मानसून का सीजन माना जाता है। मानसून के दस्तक देने से पहले होने वाली वर्षा को प्री-मानसून शावर कहते हैं। उत्तराखंड में हल्की, मध्यम वर्षा का सिलसिला जारी है, जो जून की शुरुआत में और तेज हो सकते हैं, जो मानसून आने तक जारी रहेंगे।


