धामी सरकार ने आजा मंगलवार को विधानसभा के पटल पर 89 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट रखा। इस पर पक्ष और विपक्ष दोनों की ही तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, प्रदेश सरकार ने बजट में हर वर्ग को निराश किया है।
बजट में सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी और विकास की जुमलेबाजी की गई। उन्होंने इसे असफल सरकार का बजट बताया। आर्य ने कहा, किसान, श्रमिक, कर्मचारी, दलित समेत अन्य वर्गों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। बजट में कोई नई योजना नहीं है। लोस चुनाव की दृष्टि से जनता को उम्मीद थी कि सरकार बजट में नई घोषणा करेगी। लोगों को आशा थी कि बेरोजगारी, महंगाई से राहत मिलेगी, लेकिन बजट में हर वर्ग को निराश मिली है। कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और किसान समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं।
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कहा, बजट में निवेश की बात की गई, लेकिन यह नहीं बताया कि निवेश से किस जिले में कितना रोजगार मिलेगा। वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए 65 करोड़ का प्रावधान किया गया था। सरकार ने इस पैसे का फिजूल खर्च कर निवेश के नाम देश विदेशों में सैर सपाटा किया। बजट में केंद्रीय योजनाओं से मिलने वाली सहायता गुणगान किया गया। सरकार ने अपनी किसी ऐसी योजना का उल्लेख नहीं किया, जो प्रदेश के विकास में सत्य सिद्ध हो।
बजट पर क्या कहते हैं मंत्री
विकास की दूरगामी सोच को उजागर करने वाला है बजट: महाराज
प्रदेश के सिंचाई एवं पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने बजट को प्रदेश और सभी वर्गों के विकास के लिए अहम बताते हुए इसे उन्नत, सुशासित व क्षमतावान नीति पर आधारित बताया है। उन्होंने कहा, बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विकास के दृष्टिकोण और दूरगामी सोच को उजागर करने के साथ-साथ प्रदेश में सड़कों के निर्माण, पर्यटन विकास, जमरानी बांध परियोजना, सौंग परियोजना और लखवाड परियोजना सहित तमाम विकास कार्यों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
यह बजट है प्रदेश के भविष्य के निर्माण का बजट: रेखा आर्या
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बजट को प्रदेश के भविष्य के निर्माण का बजट बताया है। उन्होंने कहा, इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। जो समग्र, समावेशी, संतुलित और विकासोन्मुखी है। जिसका सभी वर्गों को लाभ मिलेगा। नारीशक्ति के लिए इसमें लगभग 14538 करोड़ की व्यवस्था की गई है। जिससे नंदा गौरा, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना आदि के लिए प्रावधान किया गया है। मंत्री ने कहा, इस बजट में जनता का विश्वास है।
बजट में गरीबों के कल्याण के लिए 5658 करोड़ की व्यवस्था: अग्रवाल
वित्त मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, बजट में गरीबों के कल्याण के लिए लगभग 5658 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इसमें गरीबों के आवास के लिए लगभग 93 करोड़, खाद्यान्न आपूर्ति के लिए 600 करोड़ और मुफ्त गैस रिफिल के लिए 55 करोड़ की राशि शामिल है। बजट विशेष रूप से विकसित भारत के चार स्तंभ गरीब, युवा, महिला और किसानों को समर्पित है। औद्योगिक विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 30 से अधिक नीतियां बनाई हैं।
छात्रों के लिए सरकार कई नई योजनाएं लेकर आई: डॉ.धन सिंह
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, सरकार छात्र शक्ति के क्षमता संवर्धन के लिए कई नई योजनाएं लेकर आई है। बजट में खटीमा ऊधमसिंह नगर में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग सेंटर की स्थापना की व्यवस्था की गई है। जबकि राजकीय महाविद्यालयों में नैक ग्रेडिंग के आधार पर प्रोत्साहन राशि के लिए लगभग तीन करोड़ चौदह लाख का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन प्रोत्साहन योजना की भी बजट में व्यवस्था की गई है।
सशक्त उत्तराखंड के लक्ष्य पाने में सहायक साबित होगा बजट: जोशी
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के मुताबिक बजट सशक्त उत्तराखंड के लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने में सहायक साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में विकल्प रहित संकल्प के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है। इस बजट में जहां किसान और बागवानों का विशेष ख्याल रखा गया है। वहीं ग्रामीण विकास और सैनिक कल्याण को भी प्राथमिकता दी गई है।
बजट युवा और मातृ शक्ति को सशक्त करने वाला है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। यह बजट उनके कथन को पूरा करने वाला है। खेलों में युवाओं को आगे बढ़ाने के अलावा पशुपालन, मत्स्य और दुग्ध उत्पादन में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया गया।
-सौरभ बहुगुणा, कौशल विकास मंत्री
बजट में चार स्तंभों, गरीब कल्याण, युवा कल्याण, अन्नदाता और नारीशक्ति पर विशेष फोकस किया गया है। सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रही है।
-सुबोध उनियाल, वन मंत्री
अनुमान सटीक रहते हैं तो बेहतर बजट हैः पांडेय
सरसरी तौर पर मैंने जो बजट देखा है, उसके अनुसार सरकार ने जो बजट अनुमान किया है, यदि वे सटीक रहते हैं तो यह बेहतर होगा। बजट में राजकोषीय घाटा तय सीमा के भीतर है। पूंजीगत खर्च बढ़ाया गया है जो अच्छा संकेत हैं, लेकिन हमारे राजस्व आय के लक्ष्य भी सधने चाहिए। हमारी आय के साधन सीमित हैं। जीएसटी के आने के बाद राज्य के खुद संसाधनों से आय बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है। साथ ही यह केंद्र सरकार से मिलने वाली सहायता पर निर्भर करता है।
– इंदु कुमार पांडेय, पूर्व मुख्य सचिव व आर्थिक मामलों के जानकार