मुखानी थाना क्षेत्र के कमलुवागांजा में सोमवार आधी रात अधिवक्ता उमेश नैनवाल की उसी के चचेरे भाई दिनेश नैनवाल ने गोली मार कर हत्या कर दी। दोनों भाइयों के बीच रंजिश की बीज जिस 22 बीघा जमीन के उपजा, वो जमीन एक मानसिक दिव्यांग व्यक्ति थी।
इस व्यक्ति की कुछ माह पहले ही मौत हो गई थी। जमीन का कोई दावेदार नहीं था तो चचेरे भाइयों ने ही इसे बांटने का फैसला कर लिया, लेकिन करोड़ों की जमीन ने पहले रंजिश और फिर खूनी रंजिश का रूप ले लिया।
पूरनपुर नैनवाल लामाचौड़ निवासी अधिवक्ता उमेश नैनवाल के बेटे आदित्य का सोमवार को कमलुवागांजा में चल रही रामलीला में मंचन था। आदित्य परशुराम की भूमिका निभा रहा था और उमेश दूर खड़े बेटे के अभिनय का वीडियो बना रहे थे। तभी वहां उनका चचेरा भाई दिनेश नैनवाल पहुंचा। एक पब्लिक स्कूल का मालिक दिनेश नैनवाल दबे कदमों से उमेश के पीछे पहुंचा और पीठ से सटाकर तमंचे से फायर कर दिया। गोली लगते ही उमेश लहूलुहान होकर वहीं गिर गए और गोली मारने के बाद दिनेश तमंचा घटना स्थल से कुछ दूरी पर फेंक कर फरार हो गया। उमेश को फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
इस मामले में पुलिस ने रात से ही जांच शुरू कर दी थी और रात ही यह साफ हो गया था कि घटना के पीछे जमीन का विवाद है। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि जिस जमीन को लेकर विवाद हो रहा था, वह न तो उमेश के नाम पर थी और न ही दिनेश के नाम पर। जिस 22 बीघा जमीन को लेकर चचेरे भाइयों में रंजिश हुई, वह हेम चंद्र नैनवाल के नाम पर थी। हेम चंद्र की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। हेम के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी। बीती एक जून को हेम चंद्र भी चल बसा।
हेम की मौत के बाद करीब 40 करोड़ रुपये की जमीन लावारिस हो गई, लेकिन तब तक उमेस और दिनेश की नजर जमीन पर पड़ चुकी थी। आरोप है कि दिनेश ने टैक्टर से जमीन की जुताई करा दी थी। जिसके हाद मामला एसडीएम कोर्ट पहुंच गया। जिसके बाद दोनों भाइयों में रंजिश हो गई और इसी रंजिश के चलते दिनेश ने उमेश को जान से मारने की धमकी भी दी थी। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया, आरोपी कि गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
परिजनों ने पुलिस पर उठाए सवाल
घटना के बाद लहूलुहान उमेश को कालाढूंगी रोड स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मंगलवार को पैनल का गठन कर पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम में उमेश के शरीर से कारतूस के सात छर्रे निकले। जिसके बाद उमेश के रिश्तेदारों ने परिजनों ने मुखानी पुलिस को ही घटना का जिम्मेदार ठहरा दिया।
उमेश के एक रिश्तेदार ने पुलिस पर गलत रिपोर्ट लगाने का लगाने का आरोप लगाया। मुखानी पुलिस को सौंपी तहरीर में उमेश की पत्नी कल्पना ने लिखा, उनके पति का दिनेश से जमीन को लेकर मुकदमा चल रहा था। इससे पहले भी दिनेश ने उमेश को जान से मारने की धमकी दी थी। जिसके बाद उन्होंने मुखानी थाना और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। उमेश के रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि पुराने थानाध्यक्ष ने इस मामले में दबाकर रखा। नए थाना इंचार्ज ने आते रिपोर्ट लगा दी कि उमेश की जान को कोई खतरा नहीं है। पुलिस की इस लापरवाही का नतीजा है कि धमकी देने वाले दिनेश ने उमेश की हत्या कर दी।
गिरफ्त में हत्यारा, कल खुलासा करेगी पुलिस
पुलिस का दावा है कि हत्यारोपी की तलाश की जा रही है। एसओजी के साथ दो और टीमें लगातार दबिशे दे रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने दिनेश की गिरफ्तारी कर ली है। उसे ऊधमसिंहनगर से गिरफ्तार किया गया है। हालांकि पुलिस इस बात से इंकार कर रही है, लेकिन माना जा रहा है कि बुधवार को पुलिस मामले का खुलासा कर सकती है। इस मामले में पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया तमंचा रामलीला मैदान के गेट से बरामद कर लिया है। साथ ही फॉरेंसिक टीम ने भी मजबूत साक्ष्य जुटा लिए हैं।
हत्या करना दिनेश के लिए नई बात नही
पोस्टमार्टम हाउस में उमेश के रिश्तेदारों का आरोप कि हत्या करना दिनेश के लिए नई बात नही है। उमेश की हत्या से पहले उसने वर्ष 2006 में दिनेश के देवलचौड़ निवासी दोस्त चंदन पोखरिया की हत्या हुई थी। चंदन को मोटर साइकिल सवारों ने गोली मारी थी। दिनेश और चंदन साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। आरोप लगाया कि चंदन की हत्या के पीछे भी दिनेश का ही हाथ था। इस आरोप में दिनेश को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा। पुलिस के अनुसार इस मामले में बाद में गवाह पलट गए। जिसके दिनेश जेल से बाहर आ गया था।