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रक्षा मंत्रालय द्वारा थल सेना, नौसेना और वायु सेना में युवाओं की सीधी भर्ती के लिए चलाई जा रही अग्निपथ योजना में कथित बदलाव को लेकर बीते एक सप्ताह से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई खबरें वायरल हो रही हैं।

इन अपडेट्स में अग्निपथ योजना के ‘सैनिक सम्मान योजना’ के तौर पर फिर लॉन्च किए जाने की दावे किए जा रहे हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि अग्निवीरों की भर्ती अब 4 वर्ष की बजाय 7 वर्ष की जाएगी और अवधि पूरी होने पर 25 फीसदी की बजाय 60 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी कमीशन दिया जाएगा। हालांकि, इन सभी दावों को सरकार की तरफ से अफवाह बताया गया है।

केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (PIB) द्वारा रविवार, 16 जून की देर शाम जारी किए गए फैक्ट चेक अपडेट के अनुसार, “(सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म) व्हाट्सऐप्प पर फर्जी मैसेज वारयल हो रहा है। जिसमें अग्निपथ योजना की समीक्षा के बाद कई बदलावों; जैसे – सेवा-अवधि को बढ़ाकर 7 वर्ष किए जाने, 60 फीसदी को स्थायी कर्मचारी करने और अधिक वेतन के साथ; सैनिक सम्मान योजना के तौर पर फिर लॉन्च किए जाने के दावे किए जा रहे हैं। भारत सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।”

 

 

 

 

बता दें कि हाल ही में सम्पन्न हुए लोक सभा चुनावों के बाद फिर से NDA सरकार के शपथ ग्रहण के बाद से ही रक्षा मंत्रालय की अग्निपथ योजना की समीक्षा किए जाने को लेकर कई विपक्षी दलों पर मांग उठाई जा रही है। इस क्रम में अग्निपथ योजना में बदलाव किए जाने की रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मिली कथित जानकारी के आधार पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं। इन सभी पर सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर अब खण्डन कर दिया गया है।