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गंगा के किनारे वाले मैदानी क्षेत्रों में नमी और हल्की वाओं के कारण अगले 24 घंटों में रात और सुबह के सुबह के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अधिकतर इलाकों में घने से बहुत घने कोहरे की संभावना है।

 

पंजाब, हरियाणा और पश्चिमोत्तर राजस्थान से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक बुधवार को कड़ाके ठंड और घने कोहरे की चपेट में रहे। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में दृश्यता में कुछ सुधार हुआ, लेकिन सुबह के समय अत्यधिक धुंध की वजह से रेल और सड़क यातायात बाधित हुआ और कई ट्रेनें देर से चलीं। कश्मीर में सबसे सख्त सर्दी का समय ‘चिल्ला-ए-कलां’ शुरू हो गया है, जिसमें जलाशय और नदी-माले जम जाते हैं।

ठंड से अभी राहत नहीं मिलेगी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि अभी राहत नहीं मिलेगी। गंगा के किनारे वाले मैदानी क्षेत्रों में नमी और हल्की वाओं के कारण अगले 24 घंटों में रात और सुबह के सुबह के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अधिकतर इलाकों में घने से बहुत घने कोहरे की संभावना है। अगले कुछ दिनों तक न्यूयनत तापमान पांच डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस बने रहने की संभावना है। घने कोहरे के चलते लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक बस ट्रक से टकराकर पलट गई। उसके बाद एक-एक कर कई वाहन बस से टकराते गए। इस हादसे में कम से कम 11 लोग घायल हो गए।

आईएमडी के मुताबिक बुधवार सुबह 5:30 बजे बठिंडा में दृश्यता 0 मीटर रही, जबकि अमृतसर, गंगानगर और बरेली में 25-25 मीटर और अंबाला, बहराइच और वाराणसी में 50-50 मीटर दर्ज की गई। कम दृश्यता के चलते कई ट्रेन डेढ़ से पांच घंटे तक की देरी से चलीं।

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) के अनुसार मऊ-आनंद विहार एक्सप्रेस 2:30 घंटे, पुरी-नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस 4 घंटे, गया-नई दिल्ली महाबोधी एक्सप्रेस चार घंटे, गाजीपुर-आनंद विहार एक्सप्रेस 4:30 घंटे की देरी से चल रही थीं।

दिल्ली में सड़क यातायात बाधित 
घने कोहरे के कारण बुधवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में भी सड़क यातायात बाधित रहा। कम दृश्यता के चलते कई जगह भारी जाम लग गया। हालांकि, हवाईअड्डे पर उड़ानें प्रभावित नहीं हुईं। अधिकारियों ने बताया कि चंडीगढ़, वाराणसी और लखनऊ में मंगलवार की रात भारी कोहरा होने की वजह से तीन उड़ानें दिल्ली लौट आईं या उन्हें दिल्ली डायवर्ट किया गया। बुधववार को पालम हवाईअड्डे पर दृश्यता 400 मीटर और सफदरजंग हवाईअड्डे पर दृश्यता 500 मीटर थी, मंगलवार को दोनों जगह 50 मीटर दृश्यता थी। आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण से पश्चिम की तरफ बहने वाली हवाओं के चलते दृश्यता में कुछ सुधार हुआ।