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प्रदेश के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में एक बार प्रकृति ने कहर बरपाया है। बीते शनिवार को मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्र मापांग के पास छिरकानी में विशालकाय ग्लेशियर टूट जाने से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मुनस्यारी मिलम मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है।

जिस कारण जौहार घाटी के तेरह से अधिक गांवों के ग्रामीणों और चीन सीमा से सटे इलाकों में तैनात जवानों का देश दुनिया से संपर्क पूरी तरह भंग हो गया है।  बीते शनिवार को चीन सीमा को जोड़ने वाले छिरकानी नामक स्थान पर ग्लेशियर के टूटने की घटना सामने आई। जिस कारण मुनस्यारी मिलम मार्ग पर भारी मात्रा में बर्फ एकत्र हो गई है। मार्ग के बंद होने के कारण जौहार घाटी के बिल्जू, बुर्फू, खिलांच, टोला, गनघर, पांछू, मापा, मर्तोली, लास्पा, ल्वां, सुमतू, रिलकोट और रालम जैसे तेरह गांव पूरी तरह से देश दुनिया से कट गए हैं। इन गांवों में रहने वाले लोगों का मुख्य व्यवसाय भेड़ पालन है और माइग्रेशन का समय शुरू होने के कारण उन्हें निचले इलाकों की ओर जाना पड़ता है।

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लेकिन रास्ते बंद होने से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। बताया जा रहा है कि सीमा सड़क संगठन ने छिरकानी के पास ग्लेशियर से आई कुछ बर्फ को तो हटा लिया है, लेकिन नीचे की ओर अब भी बर्फ जमी होने के कारण इस मार्ग पर किसी भी तरह की आवाजाही संभव नहीं है।

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न तो वाहन चल पा रहे हैं और न ही पैदल चलना आसान है। इस ग्लेशियर के टूटने के कारण जहां इन गांवों के लोगों की माइग्रेशन की राह मुश्किल हो गई है। वहीं 19 अप्रैल को मतदान करने निचले इलाकों में आए लोग भी अपने गांवों को वापस नहीं लौट पा रहे हैं।

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जानकारों की मानें तो मुनस्यारी मिलम मार्ग पर छिरकानी के पास हर साल गर्मी के मौसम में ग्लेशियर खिसकने की घटना होती है। इस साल उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई थी, जिसके कारण ग्लेशियर का आकार बढ़ गया है और गर्मी के कारण यह धीरे धीरे खिसक रहा है। फिलहाल बीआरओ की टीम मार्ग खोलने का प्रयास कर रही है। लेकिन इसमें अभी कुछ दिन और लगने की संभावना जताई जा रही है।