हिमालय की गहरी गहराइयों से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पिथौरागढ़ के धारचूला में भारत-नेपाल सीमा के पास एक नई खोजी गई गुफा में हजारों मानव कंकाल मिले हैं। पवित्र आदि कैलाश मार्ग और सर्पीली काली नदी के किनारे गर्ब्यांग गांव के निकट स्थित यह गुफा इतिहास के कुछ सबसे पेचीदा रहस्यों को उजागर करने की क्षमता रखती है।
यह अभूतपूर्व खोज हाल ही में एक खुदाई के दौरान हुई जिसका उद्देश्य प्राचीन अवशेषों की जांच करना था जो संभवतः 8वीं शताब्दी से भी पहले के हैं। पुरातात्विक जिज्ञासाओं से समृद्ध यह क्षेत्र लंबे समय से कंकालों का भंडार रहा है, जिसमें रूपकुंड और मलारी की कुख्यात खोजें भी शामिल हैं, जहां अनगिनत आत्माओं की हड्डियाँ बीहड़ परिदृश्य के बीच चुपचाप पड़ी हैं।
विशेषज्ञ अब अनुमान लगा रहे हैं कि यह नई पहचान की गई गुफा बोन धर्म से जटिल रूप से जुड़ी हो सकती है, जो एक प्राचीन तिब्बती आध्यात्मिक परंपरा है जो 9वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य के प्रभाव से पहले पनपी थी। शोधकर्ता इन कंकाल अवशेषों के पीछे की रहस्यमय कहानियों को उजागर करने के लिए कार्बन डेटिंग और डीएनए परीक्षण सहित वैज्ञानिक विश्लेषणों की एक श्रृंखला की तैयारी कर रहे हैं।