उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा स्थित गौर सिटी के पास 2 अगस्त को दो साथियों के साथ एक कैब ड्राइवर से कथित तौर पर 7,000 रुपये की उगाही करने के बाद एक ट्रेनी एसआई अमित मिश्रा को गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आरोप में डीसीपी (मध्य नोएडा) को पद से हटा दिया गया है.
जबकि बिसरख पुलिस स्टेशन के एसएचओ और एक उप-निरीक्षक और स्थानीय चौकी प्रभारी को भी निलंबित कर दिया गया है. साथ ही अमित मिश्रा को भी हटा दिया गया है. यह कार्रवाई केंद्रीय मंत्री के दखल देने के बाद की गई है. पीड़ित ने किसान नेताओं से मुलाकात कर अपनी बात बताई थी, जिसके बाद किसान नेताओं ने मंत्री से बात की थी.
ड्राइवर ने ट्रेनी एसआई पर लगाया उगाही का आरोप
पुलिस आयुक्त को दी गई अपनी शिकायत में, कैब ड्राइवर रूपेश तोमर ने कहा कि वह एक महिला को दिल्ली से गौर सिटी ले जा रहा था, जब मिश्रा और दो अन्य साथी आशीष और अभिनव ने उसे लगभग 1 बजे उसके डेस्टिनेशन के पास रोका. पुलिस की वर्दी पहने मिश्रा कथित तौर पर तोमर के पास पहुंचे और उनके साथ दुर्व्यवहार किया. जब महिला ने गुहार लगाई कि वह सिर्फ एक पैसेंजर थी और देर हो रही थी, तो पुलिसकर्मी ने उसे कार से बाहर निकलने और खुद घर जाने के लिए कहा.
ड्राइवर से ट्रेनी SI और उसके साथियों ने 7000 रुपये ले लिए
जब मिश्रा ने कैब के कागजात की जांच पूरी कर ली, तो उसने और दो अन्य लोगों ने उसकी तलाशी लेनी शुरू कर दी. उन्होंने कैब वाले की जेब से नोटों की गड्डी निकाली और उसे गिनना शुरू कर दिया, जो कि कुल 7,000 रुपये थे. जब कैब ड्राइवर ने मिश्रा से गुहार लगाई कि उसके पास इतने ही पैसे हैं तो तीनों ने 500 रुपये का नोट थमाकर उसे जाने के लिए कह दिया. तोमर ने आरोप लगाया कि वह सीधे गौर सिटी-1 पुलिस चौकी गए, लेकिन वहां पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की. इसके बजाय, न्यायक्षेत्र की उलझनों का हवाला देते हुए उन्हें बिसरख पुलिस स्टेशन जाने के लिए कहा गया. यहां भी किसी ने उसकी बात नहीं सुनी.
पुलिस आयुक्त ने दर्ज कराई शिकायत
बता दें कि नए नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति कहीं भी शिकायत दर्ज करा सकता है, चाहे अपराध किसी भी क्षेत्र में हुआ हो. तीन दिन बाद – 5 अगस्त को – तोमर ने पुलिस प्रमुख लक्ष्मी सिंह के पास एक लिखित शिकायत दर्ज कराई. प्रारंभिक जांच में ट्रेनी एसआई पर लगाए गए उनके आरोप सही पाए गए. 7 अगस्त को सहायक पुलिस आयुक्त-2 राजीव कुमार गुप्ता ने बिसरख थाने में शिकायत दर्ज कराई. मिश्रा, आशीष और अभिनव के खिलाफ धारा 309(4) (डकैती), 61(2) (आपराधिक साजिश) और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
ट्रेनी SI की तलाश में पुलिस
पुलिस आशीष और अभिनव और दो अन्य, जेरी और प्रिंस की तलाश कर रही है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने मिश्रा को आने वाली कैब के बारे में सचेत किया था. डीसीपी (अपराध) शक्ति मोहन अवस्थी को सुनीति की जगह डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) बनाया गया है. इस बीच, आशीष ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि उसे मिश्रा ने अपने गिरोह का हिस्सा बनने के लिए मजबूर किया था, जो अक्सर धोखाधड़ी के लिए कैब ड्राइवरों को रोकने के बाद उनसे जबरन वसूली करता था.
ट्रेनी एसआई पर उसके साथी ने लगाए आरोप
आशीष ने दावा किया कि उसके पास एक कार किराये की एजेंसी है और वह अक्सर मिश्रा को मुफ्त में वाहन देता था. ताकि वह शांति से अपना व्यवसाय चला सके. उन्होंने आरोप लगाया कि मिश्रा उन्हें कभी-कभार भुगतान करते थे, वह भी रकम का एक हिस्सा. 2 अगस्त को, आशीष ने दावा किया कि उसका तोमर के साथ दुर्व्यवहार करने या पैसे लूटने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन मिश्रा ने उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया.