18 मार्च को कोटद्वार एडीजे कोर्ट में तीनों आरोपियों की पेशी हुई थी। इस दौरान कोर्ट में तीनों आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए थे। जिसके बाद आज से कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ है।
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उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) प्रतिभा तिवारी की अदालत में मंगलवार से मुकदमे में ट्रायल शुरू हो गया है। पहले दिन ही चार गवाहों के बयान दर्ज किए गए। बचाव पक्ष की ओर से चारों गवाहों की प्रति परीक्षा भी हुई। अदालत की ओर से मंगलवार को बयान दर्ज कराने के लिए एक इंस्पेक्टर समेत पांच गवाहों को समन भेजा गया था लेकिन बयान अंकिता के चार परिजनों के ही हो सके। अब अगली सुनवाई पांच अप्रैल को होगी।
डीजीसी व इस मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मंगलवार से मुकदमे का सत्र परीक्षण (ट्रायल) शुरू हो गया। अदालत में पहले दिन अंकिता के पिता बीरेंद्र भंडारी, मां सोनी देवी, भाई अजय सिंह व ताऊ राजेंद्र सिंह की गवाही हुई। अंकिता के पिता बीरेंद्र सिंह भंडारी ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पंत को अलग से अपना अधिवक्ता नियुक्त किया है। बचाव पक्ष की मांग पर हत्याकांड के तीनों आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में प्रस्तुत हुए। चारों गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद उनसे बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुज पुंडीर व अमित सजवाण ने घटनाक्रम से संबंधित प्रति परीक्षण कर सवाल पूछे।
डीजीसी जितेंद्र रावत ने बताया कि अब अगली सुनवाई पांच अप्रैल को होगी। बयान दर्ज करने के लिए तीन गवाहों को समन भेजे गए हैं। बताया कि लक्ष्मणझूला पुलिस के विवेचना अधिकारी मनोहर सिंह रावत के बयान मंगलवार को नहीं हो सके, जो अब पांच अप्रैल को दर्ज कराए जाएंगे। अंकिता हत्याकांड मामले में प्रस्तुत आरोपपत्र में एसआईटी की ओर से 97 गवाह बनाए गए हैं।
बचाव की अर्जी खारिज
बयान दर्ज कराने से पूर्व बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमित सजवाण ने अदालत में एक प्रार्थनापत्र दाखिल किया, जिसमें घटना के पूर्व के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य (चैटिंग) की प्रति उपलब्ध कराने तक गवाहों की प्रति परीक्षा न कराने का आग्रह किया गया। इसे अदालत ने खारिज कर दिया।
इन धाराओं में तय हुए थे आरोप
- मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354 (ए) (छेड़खानी व लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए।
- दूसरे आरोपी सौरभ भास्कर पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए।
- तीसरे आरोपी अंकित गुप्ता पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए।
ये था पूरा मामला
बता दें कि 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी। पता चला कि पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ था। ऋषिकेश से लौटते वक्त अंकिता और पुलकित के बीच नहर किनारे फिर से विवाद हुआ और इस बीच पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था। पुलिस ने इस मामले में 22 सितंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था।