घर में असलहे लेकर घुसे थे शूटर, कनपटी पर रख दी थी बंदूक प्रयागराज। उमेश पाल की हत्या के बाद शूटर सीधे चकिया पहुंचे थे। यहां असद अपने घर चला गया। शाइस्ता से मिलने के बाद वह वहां से तुरंत ही निकल गया था।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल बना पहला ऐसा अस्पताल जिसने कर दिखाया यह कारनामा, जानिए पूरी खबर
उमेश पाल की हत्या के बाद शूटर सीधे चकिया पहुंचे थे। यहां असद अपने घर चला गया। शाइस्ता से मिलने के बाद वह वहां से तुरंत ही निकल गया था। दो लोग चकिया के मुन्ना के घर में जबरन घुस गए। उन्होंने मुन्ना और परिवार वालों की कनपटी पर बंदूक लगा दी। वे रात भर मुन्ना के घर में ही रहे। सुबह मुन्ना के चचेरे भाई की बाइक लेकर भाग निकले। इसके बाद वे कहां गए, यह किसी को नहीं पता।
सूचना के बाद पुलिस ने मुन्ना को हिरासत में ले लिया। उसने बताया कि वह नहीं जानता कि वे कौन थे। घर में घुसते ही उन्होंने घर वालों की कनपटी पर बंदूक लगा दी। इसके बाद वे जबरन रात भर रुके थे। उन्होंने मुन्ना से ही बाहर से खाना मंगवाया। रात भर घर वाले बेहद दहशत में थे।
सुबह जाते वक्त दोनों शूटर मुन्ना के चचेरे भाई की बाइक लेकर भाग निकले। पुलिस को यह जानकारी मिली तो मुन्ना और उसके परिवार वालों को हिरासत में ले लिया गया। लंबी पूछताछ के बाद पुलिस ने फिलहाल मुन्ना को छोड़ दिया है। सूत्रों का कहना है कि उसे क्लीन चिट नहीं दी गई है। उसके मोबाइल कॉल डीटेल्स तथा चीजें खंगाली जा रही हैं।
उत्तराखंड पर मंडराया बिजली संकट – यूपीसीएल को खरीदनी पड़ी अतिरिक्त बिजली
जेल भेजा गया सदाकत
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती सदाकत खान को बृहस्पतिवार को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने सदाकत की न्यायिक अभिरक्षा रिमांड मंगलवार को ही बनवा लिया था लेकिन डाक्टरों ने उसकी हालत को देखते हुए जेल भेजने से मना कर दिया था। आज डाक्टरों ने उसे सही होने की रिपोर्ट दी। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। नैनी जेल में उसे हाई सिक्योरिटी बैरिक में रखा गया है। बैरिक के बाहर जेल पुलिस को लगाया गया है।
सदाकत खान को एसटीएफ ने गोरखपुर से गिरफ्तार किया था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल में रहने वाले सदाकत के कमरे में हत्याकांड की पूरी साजिश रची गई थी। गुलाम और गुड्डू मुस्लिम ने अन्य लोगों के साथ सदाकत के कमरे में कई मीटिंग की थी। अतीक और अशरफ ने व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से मीटिंग में हिस्सा लिया था। सदाकत को पुलिस ने षड्यंत्रकर्ता के रूप में गिरफ्तार कर हास्टल के कमरे में ले गई थी। वहां से वापस लौटते समय सदाकत ने पुलिस की गाड़ी से कूदकर भागने की कोशिश की।
ऩैनी को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है.
उत्तराखंड में फिर से महसूस किए गए 2.4 रही तीव्रता के भूकंप के झटके,
इसी दौरान वह डिवाइडर से टकराकर घायल हो गया था। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। तब से वह स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल था। बृहस्पतिवार को डाक्टरों ने उसका मुआयना किया। इसके बाद जेल भेज दिया गया। धूमनगंज पुलिस दोपहर में उसे लेकर नैनी जेल पहुंची। उसे जेल से हाई सिक्योरिटी बैरिक में रखा गया। सुरक्षा में एक सिपाही के साथ नंबरदार को भी लगाया गया है।
एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि सदाकत बेहद शातिर अपराधी है। पकड़े जाने के बाद उसने एसटीएफ से ऐसे व्यवहार किया कि वह अतीक या अशरफ को जानता ही नहीं। उसने अपने बारे में बड़ी बड़ी बातें बताईं। जब उससे घटना वाले दिन की लोकेशन पूछी गई तो वह भी उसने गलत बताई। बाद में पुलिस ने जब उसकी मोबाइल लोकेशन घटनास्थल पर दिखाई तो वह टूटा। इसके बाद उसने पूरी बात स्वीकार की।
गाड़ियों ने लाल-नीली बत्ती लगाना पड़ा भारी, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा