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जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी का महामंडलेश्वर बनने का सपना टूट गया है. श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ने पीपी को संत मंडली और अखाड़े से बाहर कर दिया है. प्रकाश पांडेय को एक महीने पहले ही जूना अखाड़े के थानापति श्रीमहंत राजेंद्र गिरी ने दीक्षा देकर ना केवल महामंडलेश्वर घोषित किया था, बल्कि जूना अखाड़े के अधीन गंगोत्री भैरव मंदिर, गंगोलीहाट के लंबकेश्वर महादेव मंदिर, मुनस्यारी में कालिका माता मंदिर और काला मुनि मंदिर समेत आधा दर्जन मंदिरों का महंत भी बना दिया था.

बड़ी बात यह कि इस गैंगस्टर को दीक्षा का कार्यक्रम जेल के अंदर किया गया. इस खबर के सामने आने के बाद उत्तराखंड के डीजी जेल ने जांच के आदेश दिए थे. वहीं एक गैंगस्टर को महात्मा घोषित पर जूना अखाड़े की किरकिरी होने लगी तो इस अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिर महाराज खुद सामने आए और मीडिया के सामने ही जांच कमेटी का गठन कर दिया था. इसमें उन्होंने साफ कर दिया था कि किसी गैंगस्टर को संत मंडली में शामिल करना गलत है और जिसने भी ऐसा किया है, उसे भी अखाड़े से बाहर जाना होगा.

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हमेशा के लिए पीपी जूना अखाड़े से बाहर

अब जांच कमेटी ने दशहरे के मौके पर अपनी रिपोर्ट श्रीमहंत हरिगिरि महाराज को सौंप दी. वहीं इस रिपोर्ट पर तत्काल एक्शन लेते हुए श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने गैंगस्टर प्रकाश पांडेय को जूना अखाड़े से बाहर करते हुए उसके लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं. इसी के साथ उन्होंने कहा कि कुछ फर्जी लोगों ने उसे संत बना दिया था. हालांकि अभी तक उन्होंने यह साफ नहीं किया कि इस मामले में प्रकाश पांडेय को संत बनाने वाले जूना अखाड़े के थानापति श्रीमहंत राजेंद्र गिरि के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी.

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कौन है प्रकाश पांडेय?

उत्तराखंड की अल्मोड़ा की जेल में 14 साल से बंद कुख्यात बदमाश प्रेम प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी छोटा राजन गिरोह का शॉर्प शूटर और सेकेंड ओहदेदार रह चुका है. इसके आपराधिक करियर की शुरुआत 90 के दशक में हुई. उस समय वह मारपीट के मामले में अरेस्ट होने के बाद नैनीताल जेल से फरार होकर मुंबई पहुंचा था. हालांकि उसकी गिरफ्तारी वियतनाम से ही हुई थी. महज 18 साल की उम्र में ही अल्मोड़ा जिले का बड़ा बदमाश रह चुका प्रकाश पांडेय दो बार कराची में दाऊद इब्राहिम को भी मारने की कोशिश कर चुका है.यही नहीं, साल 2007 में इसने शाहरुख खान से रंगदारी मांग ली थी.