खबर शेयर करें -

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने बीडी पांडे अस्पताल का निरीक्षण किया है. इसी बीच उन्होंने संबंधित अधिकारियों को साफ-सफाई के निर्देश दिए. साथ ही अस्पताल में अव्यवस्था मिलने पर कर्मियों को जमकर फटकार लगाई.

बीडी पांडे अस्पताल का केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने निरीक्षण किया है, जहां उन्होंने ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, दंत विभाग, आकस्मिक, जन औषधि केंद्र, सिटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड समेत अस्पताल के विभिन्न वार्ड में जाकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को परखा. कोरोना काल में बीडी पांडे अस्पताल में पीएम केयर फंड से बनाए गए पांच आईसीयू बेड में से मात्र तीन बेड में वेंटिलेटर होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने नाराजगी जताई.

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: परिवार में मारपीट, तमंचा लेकर दौड़ा युवक

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि बीडी पांडे अस्पताल प्रदेश के सबसे साफ अस्पतालों में से एक है, उन्हें शिशु वार्ड और आईसीयू वार्ड में गंदगी देखने को नहीं मिली है. हालांकि शौचालय में गंदगी है, जिसे दूर करने के लिए पीएमएस को निर्देश दिए गए हैं. अस्पताल में मरीज के लिए अटैच बाथरूम नहीं है. जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा वार्ड में अटैच बाथरूम बनाए जाने की आवश्यकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कुमाऊं के अन्य अस्पतालों के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग में रिक्त चल रहे पदों की समस्या देखने को मिली है, जिन्हें भरे जाने के लिए शासन स्तर पर बातचीत करके जल्द से जल्द भरा जाएगा. साथ ही बीडी पांडे अस्पताल में चार स्पेशलिस्ट के पद समेत अन्य पद रिक्त हैं, जिनको भी भरा जाएगा. उन्होंने बताया कि नैनीताल स्थित रैम जे अस्पताल सबसे पुराना अस्पताल है, जो बदहाल स्थिति में है. इसे ठीक किए जाने को लेकर नेशनल हेल्थ मिशन के साथ प्रोजेक्ट बनाकर अस्पताल का मरम्मत कार्य किया जाएगा.

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: किच्छा के चाचा लाया नशे की खेप, धरा गया इंजेक्शन तस्कर
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने बताया कि नैनीताल में केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से क्रिटिकल ब्लॉक की स्थापना होनी थी, लेकिन स्थान के अभाव में अब तक ब्लॉक का काम शुरू नहीं हो पाया है. जिसके चलते अस्पताल आने वाले गंभीर रूप से बीमार या घायल मरीजों को दूसरी जगह रेफर करना पड़ता है.

कोरोना काल में बीडी पांडे अस्पताल में पीएम केयर फंड से बनाए गए पांच आईसीयू बेड में से मात्र तीन बेड में वेंटिलेटर होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने नाराजगी जताई है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल प्रबंधन से स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अस्पताल में मौजूद उपकरण के रखरखाव को दुरुस्त करने और खराब उपकरण को हटाकर जल्द से जल्द नए उपकरण मंगाने के निर्देश दिए हैं.

यह भी पढ़ें -  मरचूला बस हादसे में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले एंबुलेंस चालक द्वारा पैसे की मांग करने पर लाइसेंस सस्पेंड