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प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। संक्रमण से निपटने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग तैयार है। प्रदेश में एक जनवरी से अब तक 90 कोरोना संक्रमित मामले मिले हैं जबकि 25 सक्रिय मरीज हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों के साथ बैठक कर आवश्ययक दिशानिर्देश जारी करेगा।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च 2020 को मिला था। तब से लेकर अब तक प्रदेश में लगभग 4 लाख 49 हजार 490 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए।

जबकि इस साल 1 जनवरी 2023 से अब तक 90 लोग संक्रमित मिले हैं। वर्तमान में 25 सक्रिय मामले हैं। नियमित रूप से की जा रही जीनोम सीक्वेसिंगस्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकथाम व बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। सभी जिलों को भी कोरोना लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों की सैंपल और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा राजकीय दून मेडिकल काॅलेज में कोविड सैंपलों की नियमित रूप से जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है। जिससे कोरोना के नये वेरिएंट की पहचान हो सके। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक कोविड की तैयारियों को लेकर मार्क ड्रिल को लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं।

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सोमवार को होने वाली बैठक में केंद्र सरकार से राज्यों को संक्रमण की रोकथाम व तैयारियों को लेकर दिशानिर्देश मिल सकते हैं। एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में कोविड का कोई मरीज भर्ती नहीं हैं।

साथ ही अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल में कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध है।

टिहरी के अस्पतालों में दोबारा शुरू हुई सैंपलिंग

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। जिला अस्पताल बौराड़ी, उप जिला अस्पताल नरेंद्रनगर और जिले के 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंदों में दुबारा से सैंपलिंग शुरू कर दी गई है। पिछले तीन माह से जिले में कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया।

एसीएमओ डा.एलडी सेमवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। चिकित्सा अधिकारियों को अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले खांसी, जुखाम, बुखार के मरीजों की सैंपलिंग कराने को कहा गया है। कोरोना मरीजों के लिए नरेंद्रनगर अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया है।

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बौराड़ी, नरेंद्रनगर, खाड़ी, प्रतापनगर अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध है। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है। जिला चिकित्सालय सहित सीएचसी, पीएचसी में सैंपलिंग सहित अन्य एहतियात को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

सीएमओ डा. हरीश चंद्र सिंह मार्तोलिया ने बताया कि बीते एक सप्ताह से जिले में संक्रमण से जुड़ा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।सीएचसी अगस्त्यमुनि व जखोली सहित समस्त पीएचसी व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोरोना संक्रमण को लेकर अलर्ट पर रखा गया है। ओपीडी के दौरान खांसी, जुखाम, बुखार के मामलों को गंभीरता से लेते हुए उपचार की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने लोगों से भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाते समय मास्क का अनिवार्य उपयोग करने की सलाह दी है। देशभर में कोरोना को लेकर बढ़ती चिंताओं के बावजूद राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में कोई सतर्कता नजर नहीं आ रही है। अस्पताल के कोरोना वार्ड को भी समाप्त कर दिया गया है।यहां पर रैपिड एंटीजन टेस्ट भी नहीं हो रहे हैं और आरटीपीसीआर सैंपलिंग का काउंटर भी हटा दिया गया है। हालांकि, 40 बेड के आइसोलेशन वार्ड को आपातकाल के लिए रखा गया है। अस्पताल परिसर में लगे दो आक्सीजन जनरेशन प्लांट भी शोपीस बने हुए हैं। अस्पताल में सामाजिक दूरी और मास्क पहनने को लेकर अभी तक कोई पहल नजर नहीं आई है।

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कोरोना संक्रमण एक बार फिर बढ़ने लगा है। रविवार को देहरादून जिले में दो नए मरीज मिले हैं। वहीं, बीते 24 घंटे में चार मरीज ठीक हुए हैं। ऐसे में जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या आठ रह गई है। इनमें से एक को ऋषिकेश एम्स में भर्ती किया गया है। अन्य मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

सीएमओ डॉ. संजय जैन ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड रिजर्व हैं।

अस्पताल के सीएमस डॉ.पीके चंदोला ने बताया कि देश में कोरोना के मामले बढ़ने पर केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। सरकारी अस्पताल में अभी तक कोई कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। अस्पताल के तीसरे तल में आइसोलेशन वार्ड तैयार है।