12 फरवरी को होने जा रही पटवारी-लेखपाल परीक्षा व अन्य सभी भर्ती परीक्षाएं नए कानून के तहत ही आयोजित होंगी। देर शाम सरकार ने जारी बयान में कहा कि बेरोजगार संघ की मांगों पर सहमति बन गई है।
बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करने के बाद राज्य सरकार ने फैसला किया है कि पटवारी भर्ती पेपर लीक की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाएगी। उधर, राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) ने नकलरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ यह कानून पूरे प्रदेश में लागू हो गया।
12 फरवरी को होने जा रही पटवारी-लेखपाल परीक्षा व अन्य सभी भर्ती परीक्षाएं नए कानून के तहत ही आयोजित होंगी। देर शाम सरकार ने जारी बयान में कहा कि बेरोजगार संघ की मांगों पर सहमति बन गई है। सरकार ने कहा सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाईकोर्ट अस्वीकार कर चुका है।
हाईकोर्ट कह चुका है कि जांच सही दिशा में चल रही है, इसलिए इस प्रकरण की सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती। कहा गया कि आंदोलनकारी युवाओं की मांग थी कि पटवारी भर्ती का प्रश्नपत्र बदला जाए। आयोग पहले ही पुराने प्रश्नपत्र रद्द कर नए प्रश्नपत्र तैयार कर चुका है। नकलरोधी कानून भी लागू हो गया है और परीक्षा नियंत्रक को भी हटाया जा चुका है। इसलिए अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं।