अशासकीय विघालयों में कार्यरत मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों की ओर से नारायण दत्त पांडे व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। एकलपीठ ने कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय देते हुए कर्मचारियों को एक जनवरी 2013 से यह लाभ देने के निर्देश दिए थे। अब गुरुवार को हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार की विशेष अपील को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने एकलपीठ का आदेश को बरकरार रखते हुए सरकार की स्पेशल अपील को खारिज कर दिया है। एकलपीठ ने अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत तृतीय संवर्ग के मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को ग्रेड वेतन का लाभ एक जनवरी 2013 से देने के आदेश पारित किया था। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई हुई और हाई कोर्ट ने सरकार की विशेष अपील को खारिज कर दिया।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सरकार की स्पेशल अपील पर सुनवाई हुई। एकलपीठ ने तृतीय संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियों को ग्रेड वेतन का लाभ एक जनवरी 2013 से देने के आदेश पारित किया था।
2016 और 2013 को लेकर था विवाद
एकलपीठ की ओर से पारित आदेश जिसमें अशासकीय सहायता प्राप्त समस्त उत्तराखंड में कार्यरत मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को ग्रेड वेतन का लाभ बीस अक्टूबर 2016 से देने के आदेश पूर्व में पारित किए गए थे जबकि राजकीय विद्यालयों में कार्यरत मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को यह लाभ एक जनवरी 2013 से दिया जा रहा है।
हाई कोर्ट ने खारिज की अपील
अशासकीय विघालयों में कार्यरत मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों की ओर से नारायण दत्त पांडे व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। एकलपीठ ने कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय देते हुए कर्मचारियों को एक जनवरी 2013 से यह लाभ देने के निर्देश दिए थे।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में यह लाभ अध्यापकों व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को पूर्व से दिया जा रहा है। एकलपीठ के इस आदेश के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में स्पेशल अपील दायर कर चुनौती दी थी। खंडपीठ ने सरकार की स्पेशल अपील को खारिज करते हुए एकलपीठ के आदेश को सही माना।