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पिथौरागढ़ की मासूम ‘नन्ही परी’ के केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुख्य अभियुक्त को बरी किए जाने के बाद जनाक्रोश भड़क उठा है। रविवार को नगरवासियों, सामाजिक संगठनों और मातृशक्ति के नेतृत्व में रामलीला मैदान पर भारी भीड़ इकट्ठा हुई और जुलूस निकालकर सरकार से फैसले की पुन: समीक्षा व सख्त कार्रवाई की मांग उठी

  • वर्ष 2014 में पिथौरागढ़ की छह वर्षीय मासूम बालिका कशिश (नन्ही परी) की हल्द्वानी में शादी समारोह के दौरान दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी.

  • पुलिस जांच और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर तीन लोग गिरफ्तार हुए। एक को कोर्ट से दोषमुक्त किया गया, एक को पांच वर्ष की सजा और मुख्य अभियुक्त अख्तर अली को फांसी की सजा मिली थी.

  • सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया, जिससे पूरे पिथौरागढ़ में गहरा रोष फैल गया।

  • पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की सूचना तक नहीं मिली और न ही गवाही का मौका दिया गया.

  • नगर की जनता, सामाजिक संगठनों और महिला शक्ति ने रामलीला मैदान में इकट्ठा होकर जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार से मामले की पुनः समीक्षा (रिव्यू पिटीशन) तथा दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है.

  • मासूम को न्याय दिलाने की लड़ाई तेज करने का ऐलान, अगले चरण में डीएम कार्यालय तक मौन जुलूस निकाला जाएगा