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पौड़ी जिले में सतपुली के पास एकेश्वर विकासखंड क्षेत्र में बड़ी मात्रा में शराब का स्टॉक पकड़ा गया है. बताया जा रहा है कि मौके पर करीब 9 हजार शराब की पेटियां मौजूद हैं. जानकारी मिलते ही निर्वाचन आयोग की फ्लाइंग स्क्वायड टीम (एफएसटी) और पुलिस मौके पर पहुंची. फैक्ट्री में ताला लगा हुआ था, इस कारण एफएसटी अग्रिम आदेशों का इंतजार करती रही.

बताया जा रहा है कि टीम ने आबकारी विभाग को भी इसकी सूचना दे दी थी, लेकिन आबकारी विभाग की टीम करीब आठ घंटे बाद पहुंची. आबकारी विभाग के देरी से पहुंचने से स्थानीय लोगों ने विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया और उनके खिलाफ नारेबाजी भी की.

आबकारी विभाग के टीम के साथ जब एफएसटी टीम फैक्ट्री में चेकिंग के लिए अंदर गई तो वहां से करीब 9331 पेटी शराब पाई गई. बताया जा रहा है कि जिस जगह पर ये शराब रखी हुई है, वो शराब फैक्ट्री है, लेकिन वो बंद हो गई है. हालांकि जब जांच टीम ने फैक्ट्री के कर्मचारियों से स्टॉक रजिस्टर मांगा तो नहीं दिखा पाए, जिस कारण किसी गड़बड़ी का कुछ पता नहीं चल पाया.

वहीं, एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह के निर्देश पर सीओ पौड़ी अनुज कुमार ने फैक्ट्री को सील कर दिया है. एफएसटी टीम से सेक्टर मजिस्ट्रेट वीरेंद्र सिंह सजवाण ने बताया कि प्राप्त शराब की सूची निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है, लेकिन मौके पर स्टॉक रजिस्टर उपलब्ध नहीं हो पाया. जिस वजह से प्राप्त सूचना के अनुसार गड़बड़ी का पता नहीं चल पाया.

आबकारी इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि फैक्ट्री रिन्यूअल न होने पर बंद है, जिससे मैनेजर की उपलब्धता न होने के कारण स्टॉक रजिस्टर उपलब्ध नहीं हो पाया. मैनेजर को नोटिस भेज कर स्टॉक रजिस्टर मंगवाया जाएगा. सीओ पौड़ी अनुज कुमार ने मौके पर पहुंचकर आबकारी इंस्पेक्टर को स्टॉक रजिस्टर मंगवाने के निर्देश दिए.

वहीं, जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि उनको इस मामले की सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने फ्लाइंग स्क्वायड, संबंधित ARO और पुलिस अधीक्षक से बात हुई है. जो भी आवश्यक कार्रवाई है वो की जा रही है. निर्वाचन आयोग के आदेश पर शुक्रवार सुबह थानाध्यक्ष सतपुली दीपक तिवारी ने फैक्ट्री के मुख्य गेट पर गार्ड्स की तैनाती कर दी है.

वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर गढ़वाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने बताया कि कल 11 अप्रैल से ही इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को शिकायत कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था.