उत्तराखंड पुलिस के जवान को ही अपने सिस्टम पर भरोसा नहीं है. जवान ने न्याय के लिए उपजिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. जवान ने साफ कहा कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वो राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेगा.
पीड़ित जवान का बयान: सज्जन सिंह उत्तराखंड पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं. सज्जन सिंह ने बताया कि पूर्व में वह कोटद्वार कोतवाली में तैनात थे. तब एक महिला ने उन पर अपनी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. जब इस मामले की जांच की गई तो निर्दोष साबित हुए. इस दौरान महिला ने एक और आरोप लगाया था कि सज्जन सिंह उनकी दुकान पर आया था, उस महिला के साथ उसने अभद्रता की थी. साथ ही उसके कपड़े भी फाड़े थे.
सज्जन सिंह का आरोप है कि महिला ने उस पर झूठा आरोप लगाया था. कुछ पुलिस वाले महिला के साथ मिलकर उसे फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. सज्जन सिंह के मुताबिक जिस समय महिला छेड़छाड़ का आरोप लगा रही है, उस दौरान वे कोटद्वार में भी नहीं थे. कुछ पुलिस वाले उन्हें परेशान करने के लिए लगातार समन भिजवा रहे हैं. इंसाफ के लिए सज्जन सिंह ने कोटद्वार उपजिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है. सज्जन सिंह ने कहा कि यदि उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वो राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे.
वहीं, सज्जन सिंह ने राष्ट्रपति और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को जो ज्ञापन भेजा है, उसमें उन्होंने लिखा है कि कौड़ियां चेक पोस्ट पुलिस अवैध वसूली करती है, जिसका हिसाब किताब मई 2022 में पुलिस कांस्टेबल क्लर्क चेतन रखता था. उससे भी गलत तरीके से तेल की पर्ची मांगने के लिए उसकी बहस हो गई थी. जिसकी जानकारी कोटद्वार कोतवाली प्रभारी विजय सिंह को भी दी गई. आरोप है कि शिकायत करने पर गोपनीयता रिपोर्ट प्रस्तुत कर उसका ट्रांसफर तत्काल पौड़ी कर दिया गया था. वहीं इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी शेखर चंद सुयाल ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.