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रामनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. व्यापारी और विभिन्न सामाजिक संगठन इसको लेकर विरोध जता रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि पहले उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. उसके बाद प्रशासन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करे. इसको लेकर 2 सितंबर को रामनगर बंद का ऐलान किया गया है.

शहर में अतिक्रमण हटाने के खिलाफ विभिन्न सामाजिक व गैर राजनीतिक संगठनों के अलावा पीड़ितों ने 2 सितंबर को रामनगर बंद का ऐलान किया है. साथ ही पूरे उत्तराखंड में बंद का आह्वान करने की बात भी कही है. अतिक्रमण के खिलाफ विभिन्न सामाजिक एवं गैर राजनीतिक संगठनों के साथ ही प्रभावित दुकानदारों ने लखनपुर चुंगी पर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए नाराजगी व्यक्त की.

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रामनगर में अतिक्रमण हटाने का विरोध:

धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज जहां एक ओर उत्तराखंड में लोग बेरोजगार हो रहे हैं, वहीं सरकार रोजगार देने में असफल साबित हो रही है. लोगों ने आरोप लगाया कि प्रदेश में अब अतिक्रमण के नाम पर सरकार लोगों को उजाड़ने का काम कर रही है. जनता का उत्पीड़न करने पर तुली है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा.

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2 सितंबर को रामनगर बंद का ऐलान: 

वक्ताओं ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया है. लेकिन सरकार और विभिन्न विभागों के अधिकारी सरकारी जमीनों के साथ ही नेशनल हाईवे पर अतिक्रमण के नाम पर उनका उत्पीड़न कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को अतिक्रमण हटाने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. वक्ताओं ने ऐलान किया कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ 2 सितंबर को रामनगर बंद किया जाएगा. यदि जरूरत पड़ी तो पूरे उत्तराखंड को भी बंद किया जाएगा.

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वक्ताओं ने सरकार पर लगाया आरोप: 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस वर्ष होने वाले निकाय चुनाव तथा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी सरकार को प्रदेश की जनता सबक सिखाएगी. वक्ताओं ने कहा कि आज देश व प्रदेश में लोकतंत्र पूरी तरह समाप्त हो चुका है. केवल राजतंत्र के तहत जनता का उत्पीड़न किया जा रहा है. उन्होंने सरकार से जनता के हित में इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है.

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