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उत्तराखंड में पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों की तर्ज पर माध्यमिक स्तर के छात्रों को भी यूनिफार्म, जूता और बैग की सुविधा मिल सकती है। मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के बाद शिक्षा विभाग एक और महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है।

इसका खाका तैयार कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष रखा है। यदि यह योजना लागू होती है तो सरकारी स्कूलों के कक्षा नौ से 12 वीं तक 2.5 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं इसके दायरे में आएंगे।

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यह है तैयारी

वर्तमान में राज्य के पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को किताबों के साथ-साथ यूनिफार्म, जूते और बैग निशुल्क दिए जाते हैं। दो वर्ष पहले तक केवल आठवीं कक्षा तक के छात्रों को ही निशुल्क किताबें मिलती थी। बाकी माध्यमिक स्तर पर आरक्षित वर्ग के छात्रों को किताबें मुफ्त मिलती थी। दो साल पहले सरकार नवीं से 12 वीं तक भी निशुल्क किताब देने की व्यवस्था लागू कर दी है।

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36 करोड़ आएगा सालाना खर्च

इस योजना में कक्षा नौ से 12 वीं कक्षा तक के छात्रों को स्कूल ड्रेस के लिए सालाना 600 रुपये, जूतों और बैग के लिए 400-400 रुपये देने का प्रस्ताव है। नवीं से 12 वीं कक्षा तक छात्र-छात्राओं की औसत संख्या 2.5 लाख से कुछ ही ज्यादा रहती हैं। इसके आधार पर हर साल करीब 36 से 37 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। पैसा डीबीटी के जरिए छात्रों के बैंक खातों में जमा कराया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि हाल में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में विभाग की विभिन्न योजनाओं के साथ इस प्रस्ताव को भी रखा गया है।

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