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रामनगर : पीपीपी मोड़ में चल रहे अस्पताल में 11 साल के बच्चे के आंख के ऑपरेशन के बाद रोशनी जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार दोपहर परिजनों ने संयुक्त चिकित्सालय में हंगामा किया। सीएमएस कार्यालय में पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में पहुंचे परिजनों ने कहा कि ऑपरेशन से पूर्व बच्चे को दिख रहा था।

हंगामे के बीच ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने ऑपरेशन पूर्व रिपोर्ट दिखाई। पीपीपी मोड पर अस्पताल चला रहे प्रबंधन ने कहा कि उन्होंने सारे तथ्य सामने रख दिए हैं। वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं।

जानकारी में आया  कि 19 मई को भवानीगंज गिहार बस्ती निवासी आयुष (11 वर्ष) पुत्र सुनील कुमार को आंख में लकड़ी से चोट लगने के कारण संयुक्त चिकित्सालय लाया गया। 20 मई को डॉ. संयम अग्रवाल ने आयुष का ऑपरेशन किया। तीन दिन बाद पट्टी खुलने के बाद बच्चे को दिखाना बंद हो गया। परिजनों ने कहा कि चोट लगने के बाद भी बच्चे को दिख रहा था।  इस दौरान छात्र संघ अध्यक्ष ललित कडाकोटी,सचिव चेतन पंत , धीरू चौहान , सुनील फुलारा , जतिन आर्य, डॉ. जफर सैफी समेत लोग मौजूद रहे।

उधर सीएमएस कार्यालय में हंगामे के बीच नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संयम अग्रवाल ने ऑपरेशन से पूर्व की रिपोर्ट और सहमति पत्र दिखाए। इसमें दावा किया गया है कि लकड़ी के गहरे घाव से बच्चे की एक आंख की रोशनी चली है, यदि ऑपरेशन नहीं कराया गया तो दूसरी आंख के जाने का भी खतरा है। उन्होंने ऑपरेशन के लिए सहमति पत्र में परिजनों के हस्ताक्षर भी दिखाए। बाद में डा. संयम ने बताया कि मामले की जांच एम्स के विशेषज्ञों का पैनल से करा ली जाए, अगर वह दोषी साबित होंगे, तो सजा भुगतने को तैयार हैं।

उधर सीएमएस डॉ चंद्रा पंत ने कग की मामले में डॉक्टरों ने परिजनों के समक्ष अपनी बात रखी है। यदि फिर भी परिजन जांच के लिए लिखित में देते हैं, तो मामले की जांच कराई जाएगी।