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तीर्थ नगरी ऋषिकेश पालिका क्षेत्र में जहां कभी किसी गैर मुस्लिम के रात्रि में रुकने पर पाबंदी हुआ करती थी। वहां खादिमों ने हिंदू लोगों को बरगलाकर उनके घरों में मजारें बना दी थी। इन्हीं मजारों में से दो को आज हटा दिया गया। इन मजारों को हटाने की अपील हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने की, जिस पर सहमति बनी और फिर उन्हे हटा दिया गया।

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जानकारी के मुताबिक देवभूमि रक्षा संगठन और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने मनसा देवी ऋषिकेश क्षेत्र में रहने वाले कृपाल सिंह नेगी के घर पर बनी मजार को आपसी सहमति से हटा दिया। एक अन्य मजार, सुमन विहार क्षेत्र में स्वयंवर सिंह भंडारी के आवास परिसर में बनी हुई थी उसे भी भंडारी की स्वीकृति से हटा दिया गया। दोनों परिवारों ने लिखित रूप से इन्हें हटाने की सहमति दी है।

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योग नगरी ऋषिकेश में ये छठी और सातवीं मजार है, जिसे आपसी सहमति से हटाया गया है। दिलचस्प बात ये रही कि इन मजारों के भीतर कुछ भी नहीं निकला और इस बारे में हिंदू संगठनों और जिनके घर पर ये मजार थी उनके सामने मिट्टी की गहनता से पड़ताल की गई।

जानकारी के मुताबिक इस बारे में बताया गया है कि ये परिवार यूपी में किसी मजार पर गए थे वहां इनकी कोई मुराद पूरी हुई थी तब वहां खादिम ने इन्हें अपने घर पर मजार बनाने के लिए बरगलाया था। फिर वो खुद यहां आकर मजार बनाकर गए थे। खादिमों की ये हरकत किसी षडयंत्र से कम नहीं मानी जा सकती, जिसके पीछे सनातन तीर्थ नगरी में मुस्लिम समुदाय के द्वारा घुसपैठ की कहानी साफ झलकती है।

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