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यमुना एक्सप्रेस-वे की सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास लाल रंग के ट्रॉली बैग में खून से लथपथ मिला शव दिल्ली के गांव मोड़बंद की आयुषी यादव (21) पुत्री नीतेश यादव का था। 48 घंटे में पुलिस ने मृतका के परिवार को खोज निकाला, पुलिस ने लड़की के पिता को सख्ती दिखाई तो उसने झूठी शान की खातिर 17 नवंबर को गोली मारकर हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। परिवार मूलत: गांव सुनारड़ी, बलूनी गोरखपुर का रहने वाला है।

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बता दें कि 21 वर्षीय युवती दिल्ली के बदरपुर थाना क्षेत्र के मोड़बन्द इलाके की रहने वाली थी और 17 नवंबर को सुबह घर से निकली थी। अगले दिन 18 नवंबर को यमुना एक्सप्रेस वे पर लाल रंग के ट्रॉली बैग में युवती की लाश मिली थी। रविवार की देर शाम मां ब्रजबाला और भाई आयुष ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर शव की शिनाख्त की। पहचान के वक्त दोनों जोर-जोर से एक-दूसरे के गले लगकर रोने लगे। पहचान के बाद अब पुलिस कड़ियां जोड़ने में लग गई तो पुलिस को उसके पिता पर शक हुआ।

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पुलिस  सूत्रों के अनुसार उसके पिता ने स्वीकार किया कि झूठी आन की खातिर उसने ही 17 नवंबर को बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके बाद रात में ही अपनी गाड़ी से लाकर शव को यमुना एक्सप्रेसवे के सर्विस रोड पर फेंका था। आयुषी आयुषी घर से बिना बताए कहीं चली गई थी जैसे ही वह घर आई तो पिता नितेश यादव अपना आपा खो बैठा और आयुषी पर गोली चला दी। गोली आयुषी की बाई छाती में लगी और उसने वहीं पर दम तोड़ दिया।