खबर शेयर करें -

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजयादशमी के अवसर पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दीं।विजयादशमी की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयादशमी का पर्व अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।

जीवन में अहंकार से मुक्त होकर सत्य के मार्ग पर चलें

यह पर्व हम सभी को अपने अंदर की बुराई को त्यागने और जीवन में सद्गुणों के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह पावन पर्व हमें हमेशा यह भी याद दिलाता है कि सत्य का साथ देने वालों की हमेशा जीत होती है। आज जरूरत है कि हम अपने जीवन में अहंकार से मुक्त होकर सत्य के मार्ग पर चलें और राज्य और देश की सामाजिक समरसता के लिए मिलकर काम करें, धामी ने कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम सत्य, मर्यादा, न्याय, शांति, दान और लोक कल्याण के लिए समर्पित थे।

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी पुलिस ने पकड़ी 14.92 ग्राम अवैध स्मैक, एक गिरफ्तार

भगवान श्री राम की शिक्षाओं को आत्मसात कर अपने जीवन को सार्थक बनाने की अपील की

भगवान श्री राम हम सभी को अपने भीतर व्याप्त अहंकार, क्रोध और लोभ के रावण का नाश करने की शक्ति और अपने सभी मानवीय कर्तव्यों का निर्वहन करने की क्षमता प्रदान करें। उन्होंने प्रदेशवासियों से बुराई पर अच्छाई की जीत के इस पावन पर्व पर भगवान श्री राम की शिक्षाओं को आत्मसात कर अपने जीवन को सार्थक बनाने की अपील की। धर्म और सत्य की जीत के इस पावन पर्व पर भगवान श्री राम के चरणों में मेरी यही प्रार्थना है कि सभी सुखी रहें, सभी का कल्याण हो, हर घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली हो। शुक्रवार को दुर्गा अष्टमी के पावन अवसर पर धामी ने अपने सरकारी आवास पर परिवार के साथ कन्या पूजन किया।

यह भी पढ़ें -  नैनीताल मस्जिद कब-कब बनीं? कहां से हुई फंडिंग? निर्माण दस्तावेज सरकारी कार्यालयों से गायब, आंख मूंदे बैठा प्रशासन

विजयदशमी या दशहरा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो हर साल नवरात्रि के अंत में मनाया जाता है

यह हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर के सातवें दिन अश्विन माह के दसवें दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के ग्रेगोरियन कैलेंडर महीनों में आता है। विजयादशमी का त्यौहार देश के लगभग हर हिस्से में मनाया जाता है, और इसके साथ कई कहानियाँ जुड़ी हुई हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय है भगवान राम द्वारा रावण की हार, जो भारत के सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। यह त्यौहार दिवाली की तैयारियों की भी शुरुआत करता है, जो रोशनी का महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो विजयादशमी के बीस दिन बाद मनाया जाता है।