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उत्तराखंड में हर बार की तरह इस बार भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. दोनों पार्टियं राज्य की जनता को लुभाने में जुटी हुई हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) की सत्तारूढ़ सरकार ने 2014 और 2019 दोनों मेगा चुनावों में सभी लोकसभा सीटें जीतीं.

बीजेपी लगातार दावा कर रही है कि राज्य की जनता को उनकी पार्टी पर पूरा भरोसा है.

दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में वापसी की दिशा में कई छोटे कदम उठाए, जिसने 18वीं लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड को राष्ट्रीय दलों के लिए परीक्षण का मैदान बना दिया.परिणामों ने उनकी राष्ट्रीय रणनीति और छवि को प्रभावित किया. बीजेपी अभी भी राज्य और केंद्र दोनों में मजबूत स्थिति में है, इसलिए विपक्षी दल अगर सत्तारूढ़ दल के लिए कोई खतरा पैदा करना चाहते हैं, तो उनके लिए उनका काम आसान हो गया है.

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राज्य में कब होंगे लोकसभा चुनाव?

उत्तराखंड राज्य में आम चुनाव आम तौर पर चुनाव अवधि की पहली तिमाही में होते हैं. हर बार को देखा जाए तो राज्य को अपना लोकसभा चुनाव कार्यक्रम अप्रैल के महीने में मिल सकता है. उत्तराखंड के खाते में बहुत कम संख्या में लोकसभा सीटें हैं, इसलिए राज्य में आम चुनाव आमतौर पर एक ही चरण में आयोजित किए जाते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर परिदृश्य वैसा ही होगा, देवभूमि एक ही चरण में मतदान कराने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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उत्तराखंड में कितने लोकसभा क्षेत्र हैं?

उत्तराखंड में लोकसभा की बहुत कम संख्या यानी पांच सीटें हैं, जिनमें से एक सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. बीजेपी का फिलहाल राज्य की राजनीति पर पूरा दबदबा है क्योंकि उन्होंने 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनावों में सभी पांच सीटें जीती थीं.

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2024 चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट

शुरुआती भविष्यवाणियों के अनुसार, बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर सभी पांच सीटों पर कब्जा करने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि, कांग्रेस अपने नवगठित I.N.D.I.A गठबंधन की मदद से आगामी मेगा चुनावों में अपनी किस्मत बदलना चाहेगी.

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